जशपुर में बड़े पैमाने पर महुआ का उत्पादन होता है. यहां पर महुआ का मुख्य उपयोग शराब बनाने में होता था. शराब से होते नुकसान को देखकर जशपुर की हरमीत पाहवा ने ऐसी महिलाओं को जोड़कर आशाएं स्व सहायता समूह बनाया जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. इन महिलाओं का स्व सहायता समूह बनाकर उन्होंने महुआ से कई प्रकार के रसगुल्ला, केक, चॉकलेट, लड्डू, गटागट,समेत दर्जन मिठाइयों का निर्माण शुरू किया.