नई दिल्ली. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण (ram mandir construction) कार्य के तीसरे चरण का काम शुरू हो गया है. इसके तहत ‘प्लिंथ’ यानी (चबूतरा, खंबे का चौकोर निचला भाग) का निर्माण शुरू किया गया है. ट्रस्ट के अनुसार ग्रेनाइट पत्थर के साथ ‘प्लिंथ’ का निर्माण कार्य 24 जनवरी को शुरू हो गया है. मंदिर भवन के लिए आधार का काम करने वाले चबूतरे पर मंदिर के मुख्य ढांचे का निर्माण किया जाएगा. ‘प्लिंथ’ के निर्माण में 5 फुट, 2.5 फुट व 3 फुट आकार के करीब 17,000 ग्रेनाइट पत्थरों का उपयोग किया जाएगा. हर ऐसे पत्थर का वजन करीब 2.50 टन है. ग्रेनाइट पत्थर लगाने का काम मई तक पूरा हो जाने की संभावना है.
बयान के अनुसार मंदिर की मजबूती को ध्यान में रखते हुए दक्षिण भारत के सबसे मजबूत प्राकृतिक ग्रेनाइट पत्थर का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया है. ‘प्लिंथ’का काम पूरा होने के बाद मंदिर के मुख्य ढांचे का वास्तविक निर्माण शुरू होगा. लार्सन एंड टुब्रो कंपनी मंदिर का निर्माण कार्य कर रहा है और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स इस कार्य में उसकी मदद कर रही है. मंदिर के सुरक्षा मानकों पर नजर रखने के लिए डिजिटल इंस्ट्रूमेंटेशन का इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं, इन इंस्ट्रूमेंटेशन के डाटा का इस्तेमाल संरचना के व्यवहार का अध्ययन करने के लिए उपयोग किया जाएगा. इससे लोड, भूकंप आदि को लेकर इमारत के व्यवहार का अध्ययन किया जाएगा.
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वहीं अधिकारियों द्वारा परकोटा के बाहर पूरे परिसर के लिए मास्टर प्लान को अंतिम रूप देकर अनुमोदित कर दिया गया है. इसमें तीर्थयात्रा सुविधा केंद्र, संग्रहालय, अभिलेखागार, अनुसंधान केंद्र, सभागार, गौशाला, यज्ञ शाला, प्रशासनिक भवन आदि होंगे. डिजाइन का विवरण और उपयोगिता सेवाओं को लेकर मंथन किया जा रहा है. मंदिर के अलावा अन्य इमारतों का निर्माण अप्रैल 2022 से शुरू हो जाएगा.
ऐसा बताया गया है कि मंदिर की अधिरचना में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर पत्थर का इस्तेमाल होगा. कुशल कारीगरों द्वारा विशेष रूप से नक्काशी की जा रही है जिसकी देखरेख वास्तुकार मैसर्स सीबी सोमपुरा के मार्गदर्शन में पूरी की जाएगी. योजना के अनुसार मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है और संभव है कि दिसंबर 2023 भक्तों को भगवान श्री राम के दर्शन का अवसर प्राप्त होगा. उच्चतम न्यायालय के नौ नवंबर, 2019 के फैसले के बाद, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को फरवरी 2020 में मंदिर निर्माण का कार्यभार दिया गया था.
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