नई दिल्ली. समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के खिलाफ एक के बाद एक दर्ज मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट से यूपी सरकार ने कहा कि आजम खान आदतन अपराधी हैं और उनको जमानत नहीं मिलनी चाहिए. वहीं सपा नेता के वकील ने आरोप लगाया कि यूपी सरकार उनके मुवक्किल को राजनीतिक द्वेष का शिकार बना रही है. उच्चतम न्यायालय ने दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
आजम खान के खिलाफ दर्ज हुए हालिया एफआईआर को लेकर यूपी सरकार ने बताया कि वर्ष 2020 में मामले में FIR दर्ज हुई थी और 2022 में आज़म खान का नाम जोड़ा गया. इस पर कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में आज़म खान का नाम जोड़ने के लिए शिकायतकर्ता ने दो साल का समय क्यों लगाया. वहीं आज़म खान के वकील सिब्बल ने कहा यह एफआईआर तब दर्ज हुई जब आज़म जेल में थे.
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Tags: Azam Khan, Supreme Court
FIRST PUBLISHED : May 17, 2022, 12:43 IST