ममता त्रिपाठी
लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार (UP Govt) छठवें राज्य वित्त आयोग (Sixth Finance Commission) के गठन का मसौदा तैयार कर चुकी है. वित्त विभाग (Finance Department) ने इससे जुड़ा प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को भेज दिया है. मुख्यमंत्री के पास ही वित्त मंत्रालय है. इसलिए उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस पर अंतिम मुहर लग सकती है.
वित्त विभाग के अधिकारियों के अनुसार जिस दिन आयोग के गठन को हरी झंडी मिलेगी. उसी दिन से 3 साल के लिए आयोग सक्रिय हो जाएगा. बता दें कि राज्य वित्त आयोग (Finance Commission) करों में निकायों, नगरपालिकाओं और पंचायती राज संस्थाओं की कितनी हिस्सेदारी होनी चाहिए ये तय करता है. इन संस्थाओं की आर्थिक स्थिति का सही आंकलन करके उनको कैसे मजबूत किया जाए, इस बारे में सरकार को सुझाव देता है. साथ ही वित्तीय संसाधनों को कैसे बढ़ाया जाए, यह भी बताता है. जानकारों के मुताबिक, छठवें वित्त आयोग की सिफारिशों का असर 2025 से दिखेगा. आयोग ये भी देखता है कि कल्याणकारी योजनाओं के लिए वित्त विभाग से जो रकम आनी थी वो आई कि नहीं साथ ही किस योजना को कितना पैसा आवंटित करना है.
नवंबर 2021 में बनना था छठवां वित्त आयोग, चुनाव की वजह से टला
गौरतलब है कि छठवें वित्त आयोग का गठन नवंबर 2021 में होना था. मगर चुनावी साल होने के चलते ये प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया था. राज्य में पांचवे वित्त आयोग का गठन 2015 में हुआ था. पांचवे वित्त आयोग के अध्यक्ष रिटायर्ड आईएएस आनंद मिश्रा थे. इस आयोग ने 2018 में रिपोर्ट दी थी. ये सिफारिशों को अप्रैल 2020 से लागू की गई हैं.
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