बॉयज हॉस्टल में 9 जनवरी को 2019 बैच के 1 स्टूडेंट की सीनियर ने रैगिंग ली थी. इसकी लिखित शिकायत पीड़ित और उसके परिजनों ने दी है.
Ragging at SN Medical College: जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज में रैगिंग की एक साथ 3 घटनायें सामने आई हैं. लेकिन कॉलेज प्रबंधन (College management) इन्हें स्टूडेंट्स का आपसी झगड़ा बताकर दबाने में लगा हुआ है.
करीब 9 महीने बाद जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई शुरू होते ही रैगिंग का मामले भी सामने आने लग गये हैं. पहले 2 मामले एमडीएम स्थित गर्ल्स हॉस्टल के हैं. वहां 3 दिनों में 2 छात्राओं के साथ रैगिंग के मामले सामने आये हैं. वहां सीनियर छात्राओं ने हॉस्टल में जूनियर छात्राओं की रैगिंग ली.
शिकायत मिली तो प्रिंसिपल ने हॉस्टल वॉर्डन को भेजा
जानकारी के अनुसार सोमवार रात को रैगिंग की शिकायत मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर जीएल मीणा के पास पहुंची तो उन्होंने तुरंत हॉस्टल वार्डन को मामले को शांत करने भेज दिया. हॉस्टल सूत्रों की मानें तो सीनियर गर्ल्स ने जूनियर की रैगिंग ली. हॉस्टल में तैनात कर्मचारी ने बताया कि पहली बार रात करीब 10 बजे डॉक्टर नीलम मीणा हॉस्टल में आईं और वे करीब 1 घंटे तक गर्ल्स को समझाने के बाद गई. इधर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य जीएल मीणा का कहना है कि उन्हें रैगिंग के मामले का पता नहीं है. रूम को लेकर कर कुछ छात्राओं में झगड़े की बात सामने आई है.बॉयज हॉस्टल में 9 जनवरी को हुई घटना
वहीं बॉयज हॉस्टल में 9 जनवरी को 2019 बैच के 1 स्टूडेंट की सीनियर ने रैगिंग ली थी. इसकी लिखित शिकायत पीड़ित और उसके परिजनों ने दी है. लेकिन कॉलेज प्रशासन ने दोनों पक्षों में रजामंदी करवा कर मामले को शांत कर दिया है. इसे लेकर भी प्राचार्य जीएल मीणा ने रैगिंग होने से साफ मना कर दिया. उनका कहना है कि यह आपसी झगड़ा था. उसे सुलझा दिया गया है. बकौल जीएल मीणा रैगिंग की घटनायें ना हों इसके लिए 16 जनवरी को एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक बुलाने के निर्देश दे दिए गए हैं.
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