होर होर थोर थोर इही सोंच आज के जमाना मा आगे हावय.
अपन घर ले दुरिहा हे तेखर चिंता अलग आफिस के काम घरे मा करना अउ परिवार ला समय देना आज के मांग होगे हे.
- News18Hindi
- Last Updated:
December 3, 2020, 5:14 PM IST
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कोन हमर मेरन बेंझइया हे
मने मन चुरत रा अइसन जमाना आगे हे. थोरको लापरवाही जिव लेवा हो जाही. आज ला आजे जी लेना चाही अइसे सोंचइया घलो समाज मा हावें फेर ए अपरिद्धा पन बने नोहे. बोले सुने फेर विचार नइ करे.बिचार के किम्मत आज के टाईम मा बहुत हे. अच्छा-अच्छा बात होना चाही.पहिली ले बीमारी दुखी मन तिर नाके ओला सान्त्वना देना जरूरी हे. चल जाही अउ चले जाही अइसे करइया घलो हावंय. अपने सेती सुरक्षा हावय तभो खाना पीना अउ पीना खाना चलते हे. थोरको छूट मिलिस ततके मा देखले कोन डाहर ले भुल्का फुटके के दोरदिर- दोरदिर मनखेच मनखे.धाम,धरम सबो आज परीक्षा के दौर मा हावंय. दुरिहा रहना अउ कतको उपाय करके सबो बर सोंचना चाही.जिंहा रहिबे तिंहा चाल
घरे घर मा कतका दिन ला काटबे. जेन अपन घर ले दुरिहा हे तेखर चिंता अलग आफिस के काम घरे मा करना अउ परिवार ला समय देना आज के मांग होगे हे. सबो परानी के चिंता मा समाज के कतको झन उठ खड़े होय हें. जेकर ले जतका हो सकत हे अपन डहर ले करतेच हे. अभी अउ कतको जतन करे के उदिम करना हे.खेती खार मा सकलाए बुता चलतेच हे. कारखाना मा आजो पूरा-पूरा जोर नइ परत हे. ड रभुतहा चलाए मा कतका दिन चलही. चलन के सेती सबो जगा अंधियारी अंजोरी कर निकरत हे. चाले मा कतको बात चालने वाला ला का कहिबे ओखरे बर सबो कोती अलहन के अगोरा हावय तइसे लागथे.
डर्राए काबर रे जीव
झझके असन जीना अउ रहना ए काए खुल के जीना अउ रहना चाही. सबो करा अपन घर जिनगी के अधार हे रेहे बसे तीर मा, चिभोरे हाथ खीर मा.जादा के कमई एक ठन चक्कर मा डार देथे अउ उही कमई के सेती रपोटे झपोटे असन करइया कभू-कभू अरझे ला धरथें त चार दिन बने रहिथे फेर कांही नइ होइस तहां फेर ओइसने.अतके मा जान डार के प्रण करइया प्रण करे हंव कहिके जिनगी भर अपन रद्दा मा चलिस अउ आज ओखरे नांव-गांव चलत हे. सबो संसारी अपन बांटा के काम का ससन भर करतिन त का होतिस फेर नहीं देखा सिखी कतको काम बर जांगर ओतिहा दिखिच जाहीं.
होर होर थोर थोर इही सोंच आज के जमाना मा आगे हावय. टप ले कोनो बात केहे अउ हब ले दुनिया मा बगरगे. सबो जात मा जीव अपन जिवका चलाए बर अपने अपन जान डारथे. सही गलत काए सबो करा अजम करे बर चाही सुरता भर अपन पुरखा सियान के सिखोना ला संजो के राखत चलना हे अउ आने वाला पीढ़ी ला घलो सिखोते रहना हे. दुनिया ला देख कइसे चमचम ले सबो अपन जगा मा हावय तें अक्कल पाए हावंव कहिके ओला बने किसम के बुता मा लगाए रहिबे तभे बनही.
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