खादी ग्रामोद्योग की कोशिश गांव में पेंट बनाने की है, ताकि रोजगार पैदा हो.
Cow Dung Paint: गाय के गोबर से बने पेंट के कॉन्सेप्ट को लेकर काम उस वक्त शुरू हुआ था, जब गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) के पास MSME मंत्रालय था. अब यह मंत्रालय नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के पास है.
- News18Hindi
- Last Updated:
January 12, 2021, 11:08 PM IST
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ग्रामीण, आदिवासी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और रोजगार पैदा करने के लक्ष्य को लेकर चल रही है. गांव में तकनीक आए और वहां के शिक्षा केंद्र मजबूत हों. अस्पताल अच्छे हो, गांव में सब सुखी और संपन्न हों. एग्रो प्रोसेसिंग इंडस्ट्री गाँव में हो इस पर काम कर रहे हैं. देश की हजारों गौशालाओं में नौजवान लड़के हैं. उन्हें समृद्ध बनाना है. अभी महीने का 4,500 तक गोबर से मिल जाएगा. फिर गोमूत्र से फिनाइल वगैरह बनता है. एक गाय से दस से बारह हजार की कमाई है. मथुरा से सांसद हेमामालिनी ने ‘हां’ कही है उनसे बात कर ब्रांड एंबेसडर बनाने की कोशिश करेंगे.”
गडकरी के अलावा केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि गोबर से बने पेंट की कीमत कम हो यह हमारा कॉन्सेप्ट था. लेकिन, नितिन गडकरी का विजन बड़ा था, उन्होंने प्राकृतिक पेंट को ‘वोकल फॉर लोकल’ कर दिया. बता दें कि प्राकृतिक पेंट के कॉन्सेप्ट को लेकर काम उस वक्त शुरू हुआ था, जब गिरिराज सिंह के पास MSME मंत्रालय था. अब यह मंत्रालय नितिन गडकरी के पास है. गिरिराज सिंह ने कहा कि केवीआईसी और नितिन गडकरी का विभाग अब इस पर काम कर रहा है.
खादी ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि “गाय के गोबर से बने पेंट के कई फायदे हैं. यह एंटी बैक्टीरियल है, एंटी फंगस है. सस्ता है. इसमें भारी धातुएं नहीं हैं.” चेयरमैन सक्सेना ने दावा किया कि गोबर से बने पेंट के मार्केट में आने से क्रांति आएगी. खादी ग्रामोद्योग की कोशिश गांव में पेंट बनाने की है, ताकि रोजगार पैदा हो.