लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान (सांकेतिक फोटो)
Bihar Politics: बिहार में एलजेपी के एकमात्र विधायक राजकुमार सिंह ने हाल में ही एलजेपी विधायक दल का सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में विलय कर दिया. इसके साथ बिहार विधानसभा व विधान परिषद में एलजेपी का वजूद ही समाप्त हो गया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दर्ज मुकदमे में केशव सिंह ने आरोप लगाया है कि चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव में कई नेताओं को प्रत्याशी बनाने का भरोसा दिलाया था. इसके एवज में नेताओं के सामने 25 हजार लोगों को पार्टी का सदस्य बनाने और विज्ञापन के लिए दो-दो लाख रुपये पार्टी फंड में जमा करने की शर्त रखी गई थी. केशव सिंह ने अपने आरोप में यह भी कहा है कि एलजेपी के 94 नेताओं ने चिराग पासवान के वादे पर भरोसा कर पार्टी के लिए सदस्य बनाए और राशि भी दी, लेकिन ज्यादातर लोगों को टिकट नहीं दिया गया.
केशव सिंह ने आरोप लगाया कि चिराग पासवान ने धोखाधड़ी की और एलजेपी के केवल दो दर्जन नेताओं को ही विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया और बाकी बाहरी लोगों को उम्मीदवारी दे दी. हालांकि लोजपा ने इसे पब्लिसिटी स्टंट करार देते हुए आरोप को खारिज कर दिया है. लोजपा के प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने कहा कि केशव सिंह केवल मीडिया में बने रहने और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दिखाने के लिए वे चिराग पासवान पर झूठा आरोप लगा रहे हैं.
श्रवण अग्रवाल ने कहा कि हर राजनीतिक दल में नेतृत्व के कहने पर सदस्यता अभियान चलाया जाता है और इसके लिए सदस्यता शुल्क भी तय रहता है. केशव सिंह को इस झूठे केस से कुछ भी लाभ नहीं होने वाला है. बता दें कि विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ बेहद तल्खी दिखाई थी और एनडीए छोड़ अलग चुनाव भी लड़ा था. चुनाव परिणाम के बाद जेडीयू ने लोजपा के एकमात्र विधायक राजकुमार सिंह को भी अपने पाले में कर लिया और विधानमंडल से लोजपा का अस्तित्व ही खत्म कर दिया है.
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