अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीमा सुरक्षा बलों ने राष्ट्रीय स्तर को यह जानकारी दी है कि जमीन के अंदर एक सुरंग का पता लगा है. इसका निर्माण पाकिस्तान सेना ने आतंकियों को सीमापार लाने के लिए किया है. सीमा सुरक्षा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह सुरंग भारतीय फेंस लाइन से करीब 65 फीट दूर मिली है. 3 फीच चौड़ी इस सुरंग का निर्माण 25-30 फीट की गहराई पर किया गया है.
अधिकारी ने बताया ‘आखिरी बार मिली सुरंग को ध्यान में रखते हुए, हमने पता लगाया है कि पाकिस्तानी सेना ने घुसपैठ करने नया रास्ता बनाने के लिए क्रॉस बॉर्डर आतंकी तैयार करने शुरू कर दिए हैं. इनका पता लगाने के लिए अलग से टीम तैयार की गई है. वहीं, दिल्ली में अधिकारियों ने इन सुरंगों को क्षेत्र में पाकिस्तान की तरफ से किए जा रहे सीजफायर उल्लंघन से जोड़कर देखा है.
खास बात है कि भारतीय सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी कर उनका ध्यान भटकाना पाकिस्तानी सुरक्षा बलों का पुराना तरीका है. आमतौर पर इसका इस्तेमाल आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने के लिए किया जाता है. अधिकारी ने जानकारी दी ‘अब इनका इस्तेमाल उस जगह से सुरक्षाबलों का ध्यान हटाने के लिए भी किया जाता रहा है, जहां ये सुरंग तैयार कर रहे हैं.’हमले बढ़े पर भारत को सफलता भी मिली
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि 2020 में सीजफायर के 930 मामले सामने आए थे. अगर पिछले साल से तुलना की जाए, तो ऐसे मामलों में 54 फीसदी का इजाफा हुआ है. वहीं, पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों को भर्ती करने में 22 प्रतिशत का इजाफा भी हुआ है. हालांकि, इस दौरान भारतीय सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के चलते आतंकियों पर नकेल कसने में काफी हद तक सफलता भी मिली है.
2020 में भर्ती किए गए 174 आतंकवादियों में से केवल 52 ही इस समय सक्रिय हैं. अधिकारी बताते हैं ‘इनमें से करीब 50 ने आत्मसमर्पण कर दिया है या गिरफ्तार कर लिए गए हैं. वहीं, अन्य 76 सुरक्षाबलों की कार्रवाई में मारे गए हैं.’ दिल्ली के सुरक्षा जानकार कहते हैं कि सुरंगों के जरिए आतंकियों की भारत में घुसपैठ कराना यह बताता है कि पाकिस्तान कश्मीर में हालात किस हद तक खराब रखना चाहता है. यह मामला सियासत से भी काफी हद तक जुड़ा है.
जानकारों के अनुसार, सुरंग बताती है कि जनरल बाजवा आतंकी गतिविधियों को कम नहीं करना चाहता है. वहीं, कश्मीर घाटी को सुर्खियों में बनाए रखने की कोशिशें सत्ता से भी जुड़ी हो सकती हैं. इनके तार पाकिस्तान पीएम इमरान खान (Imran Khan) की मुश्किलों से भी जड़े हो सकते हैं, जो विपक्ष ने तैयार की हैं. विपक्ष ने न केवल खान को अपने निशाने पर लिया है, बल्कि पाकिस्तानी सेना पर सवाल उठाती रही है. इससे समझा जा सकता है कि पीएम और जनरल कश्मीर को वापस पाने की जुगत में क्यों लगे हुए हैं.