फतेहपुर. काशीपीठ के शंकराचार्य स्वामी नरेंद्र नन्द सरस्वती ने ज्ञानवापी मामले में ओवैसी द्वारा दिए गए बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी में मंदिर का प्रतिक चिन्ह मिला है. ओवैसी जैसे व्यक्ति की सांसद की सदस्यता समाप्त की जाना चाहिए और इसको पागलखाने में भर्ती करना चाहिए. देश कानून से चलेगा, संविधान से चलेगा. ओवैसी जैसे अनर्गल लोगों से देश चलने वाला नहीं है.
ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग पर शंकराचार्य ने कहा कि ईश्वर के मामले में प्रत्यक्ष नंदी प्रमाण था. जो 400 साल से थूक कर गन्दगी करते थे उस स्थल का पानी हटाया गया, इसमें 12 फुट आठ इंच का शिवलिंग मिला है. न्यायलय ने भी उस स्थल को सील किया है. इस शिवलिंग की भगवान राम ने भी पूजा की थी. अहिल्याबाई होलकर, देवदास ने पूजा की थी. भगवान शिव का कोई आदि अंत नहीं है. कई वर्षों पुराना यह शिव स्थल था, लेकिन 500 वर्ष से पूर्व औरंगजेब का जो फरमान है वह आज भी कलकत्ता में सुरक्षित है. जिसे औरंगजेब ने तोडा था, लेकिन वह पूर्णरूप से टूट नहीं पाया था.
ताजमहल और कुतुबमीनार पर कही ये बात
ताजमहल और कुतुबमीनार के मामले में शंकराचार्य ने कहा कि सन 82 में वन्दे मातरम् नाम की पत्रिका बनारस से छपती थी, इसमें 28 हजार 972 मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाये जाने का जिक्र किया गया है. दिल्ली के पुरातत्व विभाग में एक स्थल है जिसको क़ुतुब मीनार कहते हैं. उसमें पुरातत्व के बोर्ड में स्पष्ट लिखा हुआ है की यहां 27 हिन्दुओं और जैनियों के मंदिर को तोड़कर यह कुतुब मीनार बनाई गई है.
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FIRST PUBLISHED : May 17, 2022, 00:16 IST