वाराणसी. ज्ञानवापी मस्जिद श्रृंगार गौरी मंदिर विवाद मामले में गुरुवार को वाराणसी सिविल कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की सभी अपील को ख़ारिज करते हुए परिसर का सर्वे और वीडियोग्राफी का आदेश दिया. साथ ही अदालत ने मुस्लिम पक्ष की उस मांग को भी ख़ारिज कर दिया जिसमें कोर्ट कमिश्नर को बदलने की मांग की गई थी. कोर्ट के इस फैसले से मुस्लिम पक्ष संतुष्ट नहीं दिखा और अब वह इसे हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.
मुस्लिम पक्ष के वकील अभयनाथ यादव ने कहा कि फैसला न्यायसंगत नहीं है. इस मामले में जो भी लीगल रेमेडी होगी वह उसका प्रयोग करेंगे. उन्होंने कहा कि वह इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे. जब उनसे पूछा गया कि सिर्फ चार दिन का वक्त है तो अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने कहा कि चुनौती के लिए एक सेकंड का वक्त भी बहुत होता है. अदालत का आदेश सम्मान और बाध्यकारी होता है, लेकिन हम इसको चैलेंज करेंगे. उधर नवनियुक्त सहायक कोर्ट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह ने कहा कि न्यायालय द्वारा निर्धारित समय में सभी का सहयोग लेकर सर्वे कराएंगे। पूर्व कोर्ट कमिश्नर के साथ नियुक्त किए गए दूसरे कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने कहा निष्पक्ष और भेदभाव रहित सर्वे करेंगे।
14 मई से हो सकता है सर्वे
इस बीच जानकारी मिल रही है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का काम 14 मई की सुबह 8 बजे से शुरू होगा. आज जुमा होने की वजह से पुलिस प्रशासन और कोर्ट कमिश्नरों ने यह फैसला लिया. इससे पहले सिविल कोर्ट के जज रवि दिवाकर ने अपने तीन पेज के आदेश में कहा कि चाहे ताला खोलें या फिर तोड़ें, मस्जिद के चप्पे चप्पे की वीडियोग्राफी की जाये। अगर इस आदेश में कोई अवरोध खड़ा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
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FIRST PUBLISHED : May 13, 2022, 08:57 IST