रिपोर्ट: शाश्वत सिंह
झांसी: ‘अगर झांसी आए और पांडे जी का रसगुल्ला नहीं खाया तो फिर क्या झांसी आए’ यह कहावत पूरे झांसी में मशहूर है. झांसी के बरूआसागर कस्बे में स्थित पांडेय मिष्ठान भंडार में मिलने वाला यह रसगुल्ला कोई आम रसगुल्ला नहीं है. इस रसगुल्ले का साइज आम रसगुल्लों से बहुत बड़ा है. पांडेय जी का यह रसगुल्ला 175 ग्राम का होता है. शुद्ध मेवे से बने इस रसगुल्ले को खाने के लिए लोग दूर-दूर से बरुआसागर आते हैं.
तीन पीढ़ियों से चली आ रही है दुकान
इस विशेष रसगुल्ले को बनाने वाले जय शंकर पांडे ने बताया कि इसकी शुरुआत उनके दादा जी ने 60 साल पहले की थी. आज उनकी तीसरी पीढ़ी यह काम संभाल रही है और चौथी पीढ़ी भी इस काम में आने की तैयारी में है. जय शंकर पांडेय ने बताया कि इस रसगुल्ले को पूरी तरह शुद्ध मेवे से बनाया जाता है. रसगुल्ले को तैयार करते समय एक विशेष प्रकार की वस्तु इसमें डाली जाती है. इसकी वजह से ही यह रसगुल्ला इतना बड़ा होने के बाद भी टूटता नहीं है.
रसगुल्ला खाइए और हजार रुपए इनाम पाइए
पांडे जी की दुकान पर मिलने वाला 175 ग्राम का यह रसगुल्ला इतना बड़ा होता है कि एक व्यक्ति इस रसगुल्ले को अकेले नहीं खा पाता है. जय शंकर पांडेय कहते हैं कि आज तक कोई भी व्यक्ति इस रसगुल्ले को एक बार में नहीं खा पाया है. वह चैलेंज देते हुए कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति एक बार में पूरा रसगुल्ला अपने मुंह में रखकर खा लेता है तो उसे एक हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा. कई बार लोगों ने इस इनाम को जीतने की कोशिश तो की लेकिन अभी तक सफलता किसी को नहीं मिली है. जय शंकर पांडेय बताते हैं कि एक दिन में 500 से अधिक रसगुल्लों की बिक्री हो जाती है.
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Tags: Jhansi news, Uttar pradesh news
FIRST PUBLISHED : September 07, 2022, 14:10 IST