हाइलाइट्स
पॉल्यूशन बोर्ड के क्षेत्राधिकारी प्रवीण कुमार ने दावा किया कि 24 घंटे पॉल्यूशन मॉनिटर किया जाएगा.
एंटी स्मॉग गन वॉटर स्प्रिंकिंग, मैनुअल स्वीपिंग, एंटी स्मॉग गन से धूल को कंट्रोल करेंगे. 200 लोगों का स्टाफ होगा.
टॉवर ध्वस्त होने के बाद करीब 30 मिनट तक धूल को जमीनी सतह पर बैठने में वक्त लगेगा.
नोएडा: नोएडा के सेक्टर-93 A में स्थित ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं.ट्विन टॉवर 28 अगस्त को जमींदोज हो जाएंगे. इंजीनियरों की टीम ने विस्फोटक लगा दिया है. फाइनल चेकअप कर तैयारियों पर मुहर भी लगा दी. टीम में शामिल इंजीनियर मयूर मेहता ने बताया कि ट्विन टॉवर को ढहाने में अब 9 नहीं कुल 12 सेकेंड लगेंगे. इसमें पांच सेकेंड टॉवर में विस्फ़ोट होंगे. साथ ही 7 सेकेंड में बारूद जलकर टॉवर को मलबा बनाकर ढहा देगी.
इंजीनियरों की टीम दिनभर टॉवर में चेकअप करती रही. वहीं चेन्नई से चार लोग ट्विन टॉवर पहुंचे. यह टीम रिमोट कंट्रोल सिस्टम लेकर पहुंची. इसके साथ ही पावर जेनरेट करने वाला बॉक्स सहित अन्य उपकरण भी टॉवर पहुंच गए हैं. इसमें वाइब्रेशन मॉनिटरिंग सिस्टम भी चेन्नई से लाया गया है. यह धमाके के दौरान होने वाले वाइब्रेशन को नापेगा.
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भारत सरकार ने भेजी वैज्ञानिकों की टीम
भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा चार वैज्ञानिकों को ट्विन टॉवर के आसपास तकनीकी ज्ञान का मुआयना करने भेजा गया है. करीब तीन दर्जन आधुनिक तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को ट्वीन टॉवर के आसपास लगाया जाएगा. ट्विन टॉवर के ध्वस्तीकरण के वक्त करीब 10 से ज्यादा ब्लैक बॉक्स उपकरणों को लगाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर करीब 10 वैज्ञानिकों सहित कुल 20 लोगों की टीम ट्वीन टॉवर का मुआयना करने पहुंची है. जनहित का ख्याल रखते हुए ट्विन टॉवर को सुरक्षित तरीके से ध्वस्तीकरण किया जाएगा.
Council of Scientific and industrial research सहित चार अन्य संस्थानों के वैज्ञानिक भी मौके पर पहुंचे हैं. इन वैज्ञानिकों द्वारा ट्विंन टावर के आसपास 10 ब्लैक बॉक्स का किया जाएगा प्रयोग, IMU यूनिट, 10 सिस्मोग्राफ सहित कई हाई स्पीड कैमरा, कई स्पेशल ड्रोन का प्रयोग किया जाएगा.
प्रदूषण कंट्रोल के लिए की गई यह व्यवस्था
पॉल्यूशन बोर्ड के क्षेत्राधिकारी प्रवीण कुमार ने दावा किया कि 24 घंटे पॉल्यूशन मॉनिटर किया जाएगा. इसके लिए 6 पॉल्यूशन मॉनिटरिंग मशीन लगाई गई हैं. टॉवर ध्वस्त होने के बाद करीब 30 मिनट तक धूल को जमीनी सतह पर बैठने में वक्त लगेगा. इसके लिए एंटी स्मॉग गन लगाई जाएंगी. वॉटर स्प्रिंकिंग, मैनुअल स्वीपिंग, एंटी स्मॉग गन से धूल को कंट्रोल किया जाए. करीब 200 लोगों का स्टाफ पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए लगेगा.
28 अगस्त दोपहर 2:30 पर होगा ब्लास्ट
दोनों टॉवर 28 अगस्त दोपहर ढाई बजे ही गिराए जाएंगे. इसके लिए सभी विभागों से क्लियरेंस मिल गई है. फाइनल बैठक के बाद जेट डिमोलिशन और एडिफिस कंपनी को हरी झंडी दे दी गई है. स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर ही एक्स्टर-1 और 2 के पिलर, बीम और कॉलम को मिलाकर 57 प्वांइट पर काम पूरा कर लिया गया. टि्वन टावर में वायरिंग का काम पूरा हो चुका है. डिमोलिश से पहले इसे फाइनल ट्रिगर बाक्स से कनेक्ट किया जाएगा. 10 से 0 तक के काउंडाउन के बाद ब्लास्ट होगा और इमारत जमींदोज हो जाएगी.
यह भी जानें
- ट्विन टॉवर में 915 फ्लैट और 21 दुकानें हैं, टॉवर में दो बेसमेंट हैं.
- दोनों टॉवर के 20 फ्लोर पर प्राइमरी ब्लास्ट किया जाएगा.
- इसमें एपेक्स टॉवर के बेसमेंट, पहला फ्लोर, 2,6,10,14,18,22,26 और 32 वां फ्लोर शामिल हैं.
- दोनों टॉवर में आठ फ्लोर ऐसे हैं जिसमें सेकंड्री ब्लास्ट किया जाएगा.
- इसमें दोनों टॉवरों के 4,8,12,16,20,24,28 और 30 फ्लोर हैं।
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FIRST PUBLISHED : August 26, 2022, 17:37 IST