झांसी के सैनिक पार्क का विकास कार्य लंबे समय से रुका हुआ है.इसका कारण है तीन विभागों के बीच चल रही रस्साकसी.सैनिक पार्क के विकास की जिम्मेदारी झांसी विकास प्राधिकरण, नगर निगम और सेना की संयुक्त रूप से है.इसके बावजूद यहां कोई भी कार्य नहीं हो सका है.तीनों विभागों के अधिकारियों की उदासीनता के कारण यह पार्क बदहाल स्थिति में है.लगभग 8 साल पहले हुए एक करार में यह तय हुआ था कि पार्क के विकास की जिम्मेदारी नगर निगम तथा झांसी विकास प्राधिकरण के पास रहेगी.रखरखाव और सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना को उठानी थी.लेकिन इसके बावजूद विकास कार्य ना के बराबर ही हुआ है.
नहीं दिया गया धन के खर्च का ब्योरा
झांसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सर्वेश दीक्षित ने बताया कि करार के अनुसार झांसी विकास प्राधिकरण को हर वर्ष सेना को 5 लाख रुपए देने थे.पहले वर्ष यह धनराशि दी भी गई थी.लेकिन इसके बाद सेना की तरफ से इस धनराशि का उपभोग प्रमाण पत्र नहीं दिया गया.सेना की तरफ से कोई ठोस वजह ना दिए जाने के कारण अगली धनराशि नहीं दी गई.
सेना ने रुकवा दिया कार्य
महापौर रामतीरथ सिंघल के अनुसार पूर्व में तीनों विभागों के अधिकारियों द्वारा इस पार्क को नजरअंदाज किया गया. इसके कारण ही पार्क की यह दशा है.कुछ दिनों पहले विधुत विभाग ने भी इसकी बिजली काट दी थी.नगर निगम के प्रयासों से वहां दोबारा कनेक्शन लगाने की कवायद शुरू की गई.लेकिन जब नगर निगम के कर्मचारी वहां पहुंचे तो सेना के अधिकारियों ने उन्हें काम करने से रोक दिया.उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही तीनों विभागों में समन्वय बनाकर सैनिक पार्क को विकसित किया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : May 14, 2022, 13:48 IST