मुरैना में अवैध शराब से हुई मौतों के बाद हाहाकार मच गया है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद मुरैना के बागचीनी थाने के सभी पुलिसकर्मियों को हटा दिया गया है. आरोप है कि इस थाने के अंतर्गत जहरीली शराब का कारोबार सालों से चल रहा था.
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January 14, 2021, 7:05 AM IST
गौरतलब है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को सीएम हाउस में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी. इसमें प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा समेत तमाम आला अधिकारी मौजूद थे. बैठक में मुरैना केस को गंभीर मामला बताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुरैना के कलेक्टर अनुराग वर्मा और एसपी अनुराग सुजानिया को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश जारी किया था. साथ ही एसडीओपी सुरजीत भदौरिया को सस्पेंड करने का निर्देश दिया था.
आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि इस तरह की घटनाओं को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने घटना के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच दल का गठन भी किया है. इसमें एसीएस होम समेत दो एडीजी स्तर के अधिकारियों को शामिल किया गया है. यह जांच दल मुरैना जाकर पूरे घटनाक्रम की जांच करेगा और सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा.मरने वालों का आंकड़ा बढ़ा
मुरैना जहरीली शराब कांड में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. शराब केस में अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि बाकी का इलाज किया जा रहा है. जिन गांव में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई है, वहां पर मातम पसरा हुआ है. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस ने इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. पीसीसी चीफ कमलनाथ ने घटना की जांच के लिए पार्टी स्तर पर एक कमेटी भी वहां भेजने का फैसला किया है.
क्या है मामला ?
मामला बागचीनी थाना स्थित छेरा मानपुर गांव और सुमावली थाना के पहवाली गांव का है. कहा जा रहा है कि छेरा मानपुर गांव में जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई है. वहीं, पहवाली गांव में भी कई लोग जहरीली शराब के सेवन करने से मर गए हैं, जबकि गंभीर रूप से बीमार में से लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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