नयी दिल्ली. दिल्ली सरकार गुरुवार को होने वाली दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की बैठक में राष्ट्रीय राजधानी (National Capital) के स्कूलों को फिर से खोलने (Reopen School) की सिफारिश करेगी. क्योंकि बच्चों के सामाजिक और भावनात्मक कल्याण को और अधिक नुकसान से बचाने के लिए यह जरूरी हो गया है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) ने बुधवार को ये बात कही.
मनीष सिसोदिया ने जोर दिया कि ऑनलाइन शिक्षा कभी भी ऑफलाइन शिक्षा की जगह नहीं ले सकती. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने स्कूलों को उस समय बंद कर दिया था जब यह बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं था, लेकिन अब अत्यधिक सावधानी छात्रों को नुकसान पहुंचा रही है.
बच्चों का जीवन उनके कमरों तक सीमित हो गया: डिप्टी सीएम
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने कोविड-19 (Covid19 coronavirus) की स्थिति में सुधार के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में प्रतिबंधों में ढील देने पर विचार-विमर्श के लिए कल बैठक बुलाई है. बैठक के एजेंडे में स्कूलों को फिर से खोलने का मुद्दा भी शामिल है.
दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “पिछले दो सालों में स्कूली बच्चों का जीवन उनके कमरों तक ही सीमित रह गया है. स्कूल जाने और खेल के मैदानों में समय बिताने के बजाय, उनकी सारी गतिविधियां अब सिर्फ मोबाइल फोन पर ही होती हैं.’’
स्कूल बंद होने का असर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर
उन्होंने कहा, ‘महामारी के कारण स्कूल बंद होने से न केवल उनकी पढ़ाई बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ा है. कोविड के दौरान, हमारी प्राथमिकता बच्चों की सुरक्षा थी. लेकिन अब विभिन्न शोधों में पाया गया है कि कोविड बच्चों के लिए बहुत हानिकारक नहीं है, इसलिए स्कूलों को फिर से खोलना अहम है और अब परीक्षाएं तथा संबंधित तैयारियों का भी समय है.’
सिसोदिया ने कहा कि कई देशों और यहां तक कि कई भारतीय राज्यों में भी स्कूल फिर से खुलने लगे हैं. उन्होंने कहा, ‘इसी आधार पर, दिल्ली सरकार 27 जनवरी को डीडीएमए की बैठक में स्कूलों को फिर से खोलने की सिफारिश करेगी. दिल्ली में कोविड के मामलों और संक्रमण दर में कमी आ रही है, बच्चों को स्कूलों से दूर रखना उचित नहीं होगा. बच्चों के स्कूल आने से, न केवल स्कूलों में हलचल होगी, बल्कि यह जीवन के वापस पटरी पर लौटने का संकेत भी देगा.’’
महामारी विज्ञानी चंद्रकांत लहरिया मिले मनीष सिसोदिया से
इससे पहले महामारी विज्ञानी और लोक नीति विशेषज्ञ चंद्रकांत लहरिया के नेतृत्व में दिल्ली के बच्चों के अभिभावकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने स्कूलों को फिर से खोलने के लिए 1600 से अधिक अभिभावकों के हस्ताक्षरों वाला एक ज्ञापन उन्हें सौंपा.
सिसोदिया ने कहा, ‘मैं उनकी मांगों से सहमत हूं। हमने स्कूल उस समय बंद कर दिया था जब यह बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं था, लेकिन अत्यधिक सावधानी अब हमारे बच्चों को नुकसान पहुंचा रही है. अगर हम अपने स्कूल अभी नहीं खोलते हैं तो बच्चों की एक पीढ़ी पीछे छूट जाएगी.’
बच्चों में कोविड से जुड़े जोखिम काफी कम
चंद्रकांत लहरिया ने कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), नीति आयोग, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और कई अन्य संगठनों के अनुसार, बच्चों में कोविड से जुड़े जोखिम बहुत कम हैं.
उन्होंने कहा, ‘स्कूल बंद होने के कुछ फायदे हैं लेकिन बच्चों की पढ़ाई और मानसिक-भावनात्मक कल्याण पर इसका नकारात्मक असर बहुत अधिक है. इसलिए, स्कूलों को पुन: खोलना समय की सबसे बड़ी मांग है.’ दिल्ली में कुछ समय के लिए स्कूल फिर से खोले गए थे लेकिन पिछले साल 28 दिसंबर को कोविड-19 की तीसरी लहर के कारण उन्हें फिर से बंद कर दिया गया था.
वीकेंड कर्फ्यू से मिल सकती है राहत
वीकेंड कर्फ्यू और दुकानें खोलने के लिए सम-विषय व्यवस्था हटाने की व्यापारियों के साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मांग के बीच, दिल्ली के शीर्ष कोविड-19 प्रबंधन निकाय दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) दिल्ली में महामारी की स्थिति की समीक्षा करने के लिए बृहस्पतिवार को बैठक करेगा.
अधिकारियों ने कहा कि उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में डीडीएमए की बैठक 27 जनवरी को दोपहर 12.30 बजे निर्धारित है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भी बैठक में भाग लेने की संभावना है. इस बैठक में दिल्ली में छूट की अनुमति पर चर्चा होगी जो कोविड -19 की स्थिति में सुधार के मद्देनजर दी जा सकती है.
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