दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल (फाइल फोटो)
दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) के सदस्य सचिव एडीजे कंवलजीत अरोड़ा ने एक पत्र के जरिये दिल्ली सरकार के कानून, न्याय और विधायी मामलों के प्रधान सचिव अनुरोध किया कि वह डीएचसीएलएससी के अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति मृदुल की नियुक्ति के संबंध में अधिसूचना जारी करने के लिए तत्काल कदम उठाएं.
- News18Hindi
- Last Updated:
January 12, 2021, 3:47 PM IST
दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) के सदस्य सचिव एडीजे कंवलजीत अरोड़ा ने एक पत्र के जरिये दिल्ली सरकार के कानून, न्याय और विधायी मामलों के प्रधान सचिव अनुरोध किया कि वह डीएचसीएलएससी के अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति मृदुल की नियुक्ति के संबंध में अधिसूचना जारी करने के लिए तत्काल कदम उठाएं.
दरअसल, न्यायमूर्ति मृदुल को दो बार 1992-1998 और 1998 से 2003 के लिए बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) के सदस्य के रूप में चुना गया था. उन्होंने काउंसिल की अनुशासन समिति के सदस्य एवं सचिव के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं.
न्यायमूर्ति मृदुल को मई 2006 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था और उन्हें 13 मार्च, 2008 को दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश एवं 26 मई, 2009 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.बतौर वकील जब जस्टिस मृदुल एक वकील के रूप में प्रैक्टिस कर रहे थे, तब उन्हें उच्च न्यायालय द्वारा विभिन्न समितियों में सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया.
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