हाइलाइट्स
पीलीभीत में आवारा पशुओं के साथ क्रूरता का मामला आया सामने
किसान पशुओं को ट्रालियों में भरकर छोड़ रहे जंगल के बीच
इन पशुओं को टाइगर बना रहे अपना शिकार
रिपोर्ट- सैयद कायम रज़ा
पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से पशु क्रूरता का मामला सामने आया है. यहां किसानों द्वारा पशुओं के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है. किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए, आवारा पशुओं को जंगल के बीचों बीच छोड़ कर आ रहे हैं, ताकि टाइगर इन्हें अपना निवाला बना सकें. जिला प्रशासन ने किसानों की इस क्रूरता पर, अब तक किसी प्रकार की कोई भी रोक नहीं लगाया है.
उत्तर प्रदेश सरकार लगातार आवारा पशुओं, खास करके गायों को सुरक्षित करने के लिए बड़े-बड़े दावे करती है. उनके लिए गौशालाओं के निर्माण कराने की बात कही जाती है, लेकिन फिर भी बहुतायत संख्या में आवारा पशु, सड़कों पर देखे जा सकते हैं. यह अपने खाने के लिए खेतों में घुस जाते हैं, और किसानों की फसलों को बर्बाद कर देते है.
आवारा पशुओं को ट्राली में भरकर जंगल छोड़ रहे किसान
आपको बता दें कि पीलीभीत में बहुतायत संख्या में धान की खेती होती है. लेकिन आवारा पशु धान के खेतों में घुसकर खेती को खराब कर रहे हैं. अपनी धान की खेती को बचाने के लिए, यहां के किसानों ने यह अजीबोगरीब तरीका निकाला है. किसान बेजुबान आवारा पशुओं को ट्रैक्टर ट्राली ,डीसीएम में लादकर जंगल के बीचो बीच छोड रहे हैं. जहां ये बेजुबान, जंगली जानवरों के शिकार हो रहे हैं.
जंगल मे छोड़े गए आवारा पशुओं को निवाला बना रहे टाइगर.
इस बाबत जब, वन विभाग के कर्मचारियों से बात की गई तो उन्होंने इस बात को कबूल किया कि किसान आवारा पशुओं को जंगलों में छोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसान फसलों के बचाव के लिए इस तरह का काम कर रहे हैं. लेकिन वन विभाग के कर्मचारी इस पर रोक लगाने को लेकर बोलने से बचते नजर आए. किसी भी कर्मचारी ने यह नहीं बताया कि इसका उपाय क्या है.
टाइगर रिजर्व प्रशासन भी सवालों के घेरे में
पूरे मामले को लेकर, जब पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी उन्हें है. समय-समय पर वह लोगों का चालान भी कर रहे हैं, मगर इसके लिए कोई मास्टर प्लान उनके पास भी नहीं है. वो भी आवारा पशुओं के समुचित व्यवस्था को लेकर बोलने से बचते नजर आए. उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में है. हम लोग लगातार कोशिश कर रहे हैं, कि बेजुबान जानवरों को जंगल में न छोड़ा जाए.
गौरतलब पीलीभीत जिले में तकरीबन 8 साल पहले जंगली जानवरों को, खासकर के यहां के खूबसूरत बाघों को सुरक्षित करने के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व का ऐलान किया गया था. बड़े-बड़े दावों के साथ जंगली जानवरों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए, एक बड़ा अमलीजामा पहनाया गया था. लेकिन टाइगर रिजर्व में पालतू पशुओं के साथ किए जा रहे इस तरह के कृत्य के बाद, पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन भी सवालों के घेरे में है.
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Tags: Chief Minister Yogi Adityanath, CM Yogi Aditya Nath, Pilibhit news, Uttarpradesh news
FIRST PUBLISHED : September 06, 2022, 16:54 IST