ललितपुर. उत्तर प्रदेश के ललितपुर में एक मजबूर मां एक बेटी को जन्म देने के बाद से परेशान है. उसकी एक वर्ष की मासूम बेटी बीमार है, जिसके उपचार के लिए वह दर-दर भटक रही है. उसकी बेटी को प्रत्येक डेढ़ माह में ब्लड चढ़ता है. मां को बीमार बेटी समेत ससुरालियों ने न केवल घर से निकाल दिया है, बल्कि उसकी किसी भी तरह की मदद करने से भी इंकार कर दिया है. बच्ची का दर्द पिता से देखा न गया तो उसने जमीन गिरवी रख दी, लेकिन उससे मिले पैसे नाकाफी थे. वह पुलिस से मदद मांगने भी पहुंची, लेकिन पुलिस ने उसकी मदद करने से हाथ खड़े कर दिए हैं.
बताया गया है कि थाना बार अंतर्गत ग्राम जरावली निवासी अर्चना का विवाह दो वर्ष पूर्व जिले के ही गांव मादौन में हुआ था. विवाह के बाद अर्चना ने एक बेटी को जन्म दिया. ससुराल वालों की इच्छा पुत्र की थी, लेकिन बेटी के जन्म लेने से वह भी नाराज रहने लगे. इसके बाद बच्ची बीमार हुई तो उसका इलाज कराने से ही ससुरालीजन पीछे हट गए. अर्चना की एक वर्ष की मासूम बेटी को प्रत्येक डेढ़ माह में ब्लड चढ़ता है.
बताया गया है कि बच्ची के बीमार होने के बाद पति समेत ससुरालियों ने मां को बीमार मासूम बच्ची के साथ घर से निकाल दिया है. इसके बाद से अर्चना अपने पिता के साथ रह रही है. पिता ने पौत्री के इलाज हेतु अपनी जमीन तक गिरवी रख दी है. उसने झांसी, ललितपुर इलाज भी कराया, लेकिन बीमारी का इलाज यहां सम्भव नहीं है. आरोप है कि इस मामले में पुलिस भी मजबूर मां की कोई मदद नहीं कर रही है.
बच्ची के इलाज की उम्मीद में पचास किलोमीटर दूर मायके से चिल-चिलाती धूप में मासूम बच्ची को लेकर उसकी मां कई बार थाना और एसपी आफिस के चक्कर लगाती देखी जाती है. उसकी मदद को कोई अभी तक आगे आता नहीं दिखा है. अब उसने अपनी बच्ची के इलाज के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी से भी गुहार लगाई है.
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