रिपोर्ट:अभिषेक जायसवाल
वाराणसी. लखनऊ, गाजियाबाद और नोएडा के बाद वाराणसी में भी खूंखार कुत्ते लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं. बनारस के अलग अलग घरों में 100 से ज्यादा लोगों ने खतरनाक नस्ल के कुत्तों को पाल रखा है. ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि यह बात वाराणसी नगर निगम के अफसर बता रहे हैं. यही वजह है कि नगर निगम के पशु विभाग ने इसको लेकर अब डॉग लवर्स के लिए एडवाइजरी जारी की है, जिसके तहत कई दिशा निर्देश भी दिए गए हैं.
वाराणसी नगर निगम के आकड़ों के मुताबिक, नगर निगम क्षेत्र में करीब 398 पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन हुआ है, जिसमें 118 कुत्ते खतरनाक नस्ल के हैं, जो लोगों के घरों में पल रहे हैं. इसमें से 100 जर्मन शेफर्ड,13 रॉटविलर, 4 ग्रेट डेन और 1 हसकी डॉग शामिल है. बता दें कि इन खतरनाक नस्ल के कुत्तों के अलावा शहर में घूमने वाले कई आवारा कुत्ते भी खूंखार हो चुके हैं. यही वजह है कि वाराणसी के शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल में हर रोज करीब 90 लोग रैबीज के इंजेक्शन लगवाने आते हैं.
खूंखार कुत्तों को न पालने की अपील
नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अजय सिंह ने डॉग लवर्स से अपील की है कि लोग अपने घरों में खतरनाक नस्ल के कुत्तों को न पालें. इसके अलावा जिन लोगों ने भी अपने घरों में कुत्तों को पाला है उन्हें एक फिक्स जगह पर बांध के रखने के बजाय उन्हें हर दिन घुमाएं. उन्हें भर पेट भोजन दें, जिससे वो किसी दूसरे पर हमला न करें.
ऐसे कुत्ते हो सकते हैं खूंखार
डॉ अजय सिंह ने बताया कि यदि कुत्तों को एक दो कमरों में हमेशा बांध के रखते हैं और उन्हें बाहरी वातावरण से नहीं परिचित कराते हैं, तो इससे आम कुत्ते भी खूंखार हो सकते हैं. इसके बाद वह खुद अपने मालिक पर भी हमला कर सकते हैं, इसलिए उनके व्यवहार पर जरूर ध्यान देते रहना चाहिए.
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Tags: Dog Lover, Dogs, Varanasi news
FIRST PUBLISHED : September 19, 2022, 15:15 IST