दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केजरीवाल से एनवायरमेंट सेस का हिसाब मांगा है. (फाइल फोटो)
Air Pollution In Delhi: दिल्ली के भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ( Delhi BJP President Adesh Gupta) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) से पूछा है कि पिछले 4 वर्षों में एनवायरमेंट सेस के नाम पर आए 883 करोड़ में से सिर्फ 1.6 प्रतिशत ही खर्च किया है, बाकी कहां है, उसका हिसाब दें.
- News18Hindi
- Last Updated:
January 13, 2021, 10:20 PM IST
प्रदूषण के कारण दिल्लीवासियों के स्वास्थ पर हो रहे बुरे प्रभाव पर आदेश गुप्ता ने चिंता जाहिर करते हुए कहा, ‘केजरीवाल सरकार की बदइंतजामी का आलम यह है कि आज दिल्ली में जल और वायु दोनों ही प्रदूषित हैं जिसके कारण लोग जहरीली हवा में सांस लेने और जहरीला पानी पीने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव के समय केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से वादा किया था कि यमुना नदी को लंदन की थेम्स नदी जैसा बनाएंगे, आसपास पिकनिक स्पॉट जैसा वातावरण होगा और पानी अमोनिया मुक्त होगा, लेकिन पिछले 6 वर्षों में जमीनी स्तर पर वादों को पूरा करने की बजाय केजरीवाल ने दिखावे के लिए भरपूर प्रचार किया. इसका खामियाजा आज दिल्लीवासी भुगत रहे हैं.
भाजपा ने दिल्ली सरकार पर लगाए कई आरोप
भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने पिछले 6 वर्षों में यमुना में कूड़े-कचरे के निस्तारण को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. हालात ये हैं कि यमुना नदी में अमोनिया का स्तर बढ़ने से घरों में जहरीला पानी सप्लाई हो रहा है जिसके कारण लंग्स, लिवर, हृदय से संबंधित जानलेवा बीमारियां होने का खतरा बढ़ गया है. वायु प्रदूषण के कारण लोग सांस संबंधित बीमारियों के ग्रसित हो रहे हैं, लेकिन इसकी चिंता छोड़ कर मुख्यमंत्री केजरीवाल चुनावी प्रचार में व्यस्त हैं.
आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने एनवायरमेंट सेस के 883 करोड़ रुपए का सिर्फ 1.6 प्रतिशत ही खर्च किया है और बाकी के पैसे कहां खर्च किए इसका कोई हिसाब नहीं है.
दिल्ली में प्रदूषण के कारण 2020 की पहली छमाही में काफी मौतें हुई हैं, इसके बावजूद प्रदूषण से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार की तैयारियां शून्य है. वास्तव में दिल्लीवासियों की गाढ़ी कमाई के टैक्स के पैसों को केजरीवाल अपने मंत्रियों और विधायकों के दूसरे राज्यों के भ्रमण पर खर्च कर रहे हैं. दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़े तो केजरीवाल सरकार पड़ोसी राज्यों को जिम्मेदार ठहराती है, जल प्रदूषण बढ़े तो भी पड़ोसी राज्यों को जिम्मेदार ठहराती है और अपनी जिम्मेदारियों से भागती है. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि केजरीवाल सरकार को सत्ता में लाने की कीमत दिल्लीवासी जहरीले हवा में सांस लेकर और जहरीला पानी पीकर चुका रहे हैं. मुख्यमंत्री केजरीवाल को सत्ता के अहंकार से बाहर निकलकर देखने की जरूरत है कि उन्होंने दिल्ली को क्या से क्या बना दिया. ऐसी दिल्ली की कल्पना शायद ही किसी दिल्लीवासी नहीं की होगी.
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