प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी करने वाले जोड़े को संरक्षण देने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि याची पुलिस उप निरीक्षक पद पर चयनित हुई है और उसके शैक्षिक दस्तावेज पिता के पास घर पर ही हैं. इसलिए कोर्ट ने एस पी मुरादाबाद को निर्देश दिया है कि परिवार को बुलाकर याची के सभी शैक्षणिक दस्तावेज उसे दिलावाए जाएं. कोर्ट ने साफ कहा है कि दस्तावेज सौंपने में पिता द्वारा कोई ढिलाई या ट्रिक की अनुमति नहीं दी जायेगी। एसपी अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर 15 दिन में याची के सभी शैक्षिक दस्तावेज उपलब्ध करवाएं.
सुरक्षा सुनिश्चित करें
कोर्ट ने कहा कि परिवार वाले शादी से नाराज हैं. विवाहित जोड़े को धमकी दे रहे हैं इसलिए याची पति पत्नी की जीवन स्वतंत्रता सुरक्षित किया जाए जिससे वे शांतिपूर्ण ढंग से वैवाहिक जीवन बिता सकें. यह आदेश जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने लवी चौधरी की याचिका पर दिया है.
दरोगा पद पर हुआ है चयन
याची का कहना था कि वह बी टेक प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण है. परिवार की बड़ी लड़की है और पढ़ाई के दौरान ही उसकी प्रदीप कुमार से नजदीकी रिश्ते बन गए थे. दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से 4 फरवरी 2019 को शादी कर ली और कोर्ट ने उन्हें संरक्षण दिया है. कोर्ट ने उसे पति के साथ जीवन गुजारने की छूट दी है लेकिन परिवार लगातार उन्हें धमकी दे रहा है और उनके जीवन को खतरा है. याची ने बताया कि उसका दरोगा पद पर चयन हो गया है. 28 अप्रैल 22 को शैक्षिक दस्तावेज सत्यापन किया जाएगा लेकिन सारे दस्तावेज और प्रमाणपत्र पिता के घर पर हैं. वे हमारी शादी से नाराज हैं और दस्तावेज मुझे उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं. उसने कोर्ट से प्रार्थना की कि उसे दस्तावेज उपलब्ध करवाए जाएं. पुलिस भर्ती बोर्ड ने एक माह का समय देने का आश्वासन दिया है. इस पर कोर्ट ने मुरादाबाद एसपी को आदेश देते हुए कहा कि युवती को 15 दिनों के अंदर परिजन से दस्तावेज उपलब्ध करवाए जाएं और इसमें किसी भी तरह की कोई भी ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी.
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FIRST PUBLISHED : April 29, 2022, 18:39 IST