मुंबई. महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) में कांग्रेस कोटे से कैबिनेट मंत्री और मुंबई के पालकमंत्री असलम शेख ने बुधवार को मलाड इलाके में टीपू सुल्तान मैदान का उद्घाटन कर दिया. इस संबंध में इलाके में कई पोस्टर्स लगे हुए थे. मैदान के नाम को लेकर नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. इस मामले में शिवसेना की तरफ से आदित्य ठाकरे ने साफ किया कि मैदान के आधिकारिक नाम का कोई भी प्रस्ताव नहीं था.
मैदान का नाम टीपू सुल्तान रखने पर पूरे दिन मुंबई में हंगामा रहा. बीजेपी और बजरंग दल के कई नेता और कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर अपना विरोध जताया. नारे लगा रहे इन प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इधर, बीएमसी के अधिकारियों ने बताया कि नियमों के अनुसार किसी सड़क, स्थान या मैदान के नामकरण का प्रस्ताव बीएमसी में लाया जाता है.
ये भी पढ़ें: OMG! जयमाल के वक्त दूल्हे ने की ऐसी हरकत, दुल्हन ने शादी से किया इनकार
ये भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर पुलिस को क्यों मिले सबसे ज्यादा बहादुरी पुरस्कार, गृह मंत्री अमित शाह ने किया खुलासा
बीएमसी के अधिकारियों ने कहा कि सबसे पहले लोकल नेता, विधायक या सांसद इस बारे में अपनी राय बीएमसी के सामने रखते हैं. लोकल मुनिसिपल होने के नाते यह निर्णय बीएमसी ही करती है. यदि किसी कारण नाम नहीं रखा जाता है तो उसे बीएमसी मैदान ही कहा जाता है. उन्होंने बताया कि जिस मैदान को लेकर बवाल हो रहा है, उसको लेकर कोई प्रस्ताव बीएमसी के पास नहीं आया है. हालांकि स्थानीय विधायक और मंत्री असलम शेख की विधायक निधि से जिस मैदान का निर्माण हुआ और 26 जनवरी को इसके शुभारंभ होने के संबंध में बैनर-पोस्टर भी तमाम जगह लगे हुए हैं. इन पोस्टर्स में मैदान का नाम टीपू सुल्तान ही बताया गया है.
मैदान के लोकार्पण के बाद असलम शेख ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैंने मैदान के नाम का उद्घाटन नहीं किया है. मैदान में उपलब्ध फैसिलिटी का उद्घाटन किया गया है. उन्होंने कहा कि इस सड़क का नाम भाजपा शासन काल में टीपू सुल्तान रखा गया था. अब वही भाजपा हंगामा कर रही है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Maharashtra Government, Mumbai