भले ही कोरोना संक्रमण की वजह से B.ed प्रथम वर्ष के छात्रों को प्रमोट होने का अवसर मिल गया हो.लेकिन अब द्वितीय वर्ष में उनके सामने कॉलेज की लापरवाही से संकट खड़ा हो गया है.जब बीएड प्रथम वर्ष में छात्र प्रमोट हो गए तो द्वितीय वर्ष में प्रवेश में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.दरअसल प्रथम वर्ष में जो भी छात्र-छात्राएं प्रमोट हुए थे उनका विवरण चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय Chaudhary Charan Singh University द्वारा मांगा गया था. लेकिन ऐसे 24 कॉलेज हैं जिन्होंने अभी तक छात्रों का डाटा विश्वविद्यालय को उपलब्ध नहीं कराया है.जिस कारण विश्वविद्यालय ने द्वितीय वर्ष के परीक्षा फॉर्म भरने से छात्र-छात्राओं रोक लगा दी है. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि प्रथम वर्ष में जिन मानकों के अनुरूप छात्र-छात्राओं को परीक्षा में बैठना होता था.उसका वेरिफिकेशन अभी तक विश्वविद्यालय से नहीं हो पाया.ऐसे में जब तक उन मानको को नहीं देखा जाएगा.जिसकी वजह से बीएड के द्वितीय वर्ष की अनुमति नहीं मिलेगी.
24 कॉलेजों के हजारों छात्रों का भविष्य अधर में
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार पहले ऐसे 26 कॉलेज थे. जिनमें से 2 कॉलेजों के जवाब आ चुके हैं.लेकिन अन्य 24 कॉलेजों से भी भी निर्धारित समय में जवाब मांग गया है.विश्वविद्यालय परीक्षा नियंत्रक डॉ अश्वनी कुमार ने बताया कि कॉलेज द्वारा दिए गए जवाब के अनुसार अगर वह एनसीटी के नियम अनुसार द्वितीय वर्ष के मानकों के अनुरूप होगें.तो उनका परीक्षा फॉर्म भरवाया जाएगा.अन्यथा की स्थिति में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.बताते चलें कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ, हापुड़, नोएडा, गाजियाबाद सहित अन्य जिलों के छात्र-छात्राएं हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
FIRST PUBLISHED : May 16, 2022, 13:22 IST