यूपी में नंबर-1 है इस जेल का खाना, FSSAI ने दी 5 स्टार रेटिंग; जानें कितने कैदियों का बनता है भोजन

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फर्रुखाबाद: अक्सर जेल के खाने को बहुत ही घटिया माना जाता है. यहां तक कि जब घर में खाना बढ़िया न बने तो लोग कहते हैं कि इससे अच्छा खाना तो जेल में मिलता होगा. हालांकि, इस बात को उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जेल ने सही साबित कर दिया है क्योंकि जिला कारागार के खाने को 5 स्टार रेटिंग मिली है. इस तरह से फर्रुखाबाद की फतेहगढ़ जेल यह उपलब्धि हासल करने वाली यूपी की पहली जेल बन गई है.

दरअसल, फर्रुखाबाद की जिला कारागार की रसोई को आधुनिक कर दिया गया है. जेल के अंदर इस नई पाकशाला में खाना बनाने के लिए आधुनिक मशीनें लग गई हैं. इनमें हाथ के बजाय अब मशीनों से खाना तैयार हो रहा है. यही वजह है कि बंदियों को गुणवत्तापूर्ण भोजन देने और खाद्य सामग्रियों के बेहतर रख-रखाव के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने प्रमाण पत्र प्रदान किया है, जिसमें फाइव स्टार रेटिंग है.

एफएसएसएआई यानी भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण ने इस फतेहगढ़ जेल को अपने कैदियों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता के लिए पांच सितारा रेटिंग जारी की है. दरअसल, पिछले दो सालों से कोरोना महामारी को देखते हुए फतेहगढ़ जिला जेल में नई पाकशाला का निर्माण करवाया गया. जिला कारागार में रोजाना करीब 1100 लोगों के लिए दोनों शिफ्ट की रसोई तैयार होती है. अभी तक रोटी, सब्जी, दाल आदि बनाने में कैदियों की मदद ली जाती थी और मैनुअली होने की वजह से इसमें काफी समय लगता है. प्रत्येक पाली का भोजन तैयार करने में करीब पचास कैदियों को जुटना पड़ता है.

मगर अब जेल प्रशासन ने व्यवस्था को सुधार कर इसे आधुनिक कर दिया है. यहां रोटी बनाने के लिए दो बड़ी रोटी मेकर मशीनें लगी हैं. आटा गूंथने की मशीन अलग लगाई गई है. सब्जी कटर से काटी जाती है. जेल अफसरों का कहना है कि इतने लोगों की रसोई तैयार करने में करीब छह घंटे लगता है. समय पर खाना तैयार करने के लिए सुबह चार बजे से इसका काम शुरू करा दिया जाता था. 11 बजे तक खाना बनता था. शाम की पाली का खाना दोपहर तीन बजे से बनना आरंभ हो जाता है. मशीनों के इस्तेमाल से करीब 50 प्रतिशत समय कम हो गया है. मशीनों के इस्तेमाल से साफ-सुथरा खाना कैदियों को मुहैया हो रहा है. पहले जेल में रोटी फुलाने के लिए नारियल की झाड़ का इस्तेमाल होता था. अब रोटियां सिर्फ मशीनों से ही बनाई जाती है.

जिला जेल अधीक्षक भीम सेन मुकुंद ने बताया कि बंदियों को सुबह नाश्ता 9 बजे तक दोपहर का खाना 12 तक दिया जाता है. फिर शाम का खाना 6 बजे तक दिया जाता है. भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा चयनित इस पाकशाला में बंदियों को दिए जाने वाले भोजन, रखर-खाव, किचन, फूड स्टोरेज, पेयजल संसाधन की जांच की जाती है. यह जेल उत्तर प्रदेश की पहली भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण द्वारा प्रमाणित जेल है.

Tags: Farrukhabad news, Uttar pradesh news



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