रिपोर्ट:-अंजलि सिंह राजपूत,लखनऊ
लखनऊ के राजाजीपुरम में सेवार्थ वृद्धाश्रम है.यहां पर 21 माताएं और 4 पुरुष रह रहे हैं.किसी को बेटा यहां छोड़ गया है तो कोई खुद बेटों से तंग आकर मजबूरन यहां रहने के लिए आ गई हैं.इतना ही नहीं कलयुगी बेटियां भी अपने माता पिता को बोझ समझकर उन्हें वृद्धाश्रम छोड़ने में पीछे नहीं हैं.यहां रह रहे माता पिता से जब उनके परिवार के बारे में पूछा गया तो किसी ने याद न होने की बात कही,तो कोई परिवार की बात आते ही पुरानी यादों में जाकर रोने लगा.इन माताओं का दर्द सुनकर आपके भी आंखों में आंसू आ जाएंगे.यहां रह रहीं ऋचा ने बताया कि वह बेहद सम्पन्न परिवार से ताल्लुक रखती हैं.लेकिन पति की मौत के बाद हालात बदले तो उन्हें यहां आकर रहना पड़ रहा है.लेकिन अब हालातों से समझौता कर के वह यहां पर खुश हैं.
अब भगवान की शरण में हैं
यहां पर रह रहीं शांति बताती हैं कि घर के हालातों से तंग आकर वह यहां पर आ गयी थीं.यहां की प्रभारी मनोरमा ने उनका बहुत ख्याल रखा.शांति अब अपने परिवार के बारे में कोई भी बात किसी से नहीं करना चाहती हैं.उनका कहना है कि अब उनका यही परिवार है.इसी तरह यहां रह रहीं अन्य महिलाएं और पुरुष भी अब अपने-अपने परिवार को लगभग भूल कर यहां खुशी-खुशी रह रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : May 11, 2022, 11:47 IST