लखनऊ यूनिवर्सिटी का कमाल; खोजी ऑक्सीजन व हाईड्रोजन उत्पादन की सस्ती तकनीक, जानें फायदे

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रिपोर्ट: अंजलि सिंह राजपूत

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के केमिस्ट्री विभाग बीरबल साहनी पुरा वनस्पति विज्ञान संस्थान ने पानी से हाईड्रोजन और ऑक्सीजन अलग करना संभव किया है. दोनों विभागों ने नई तकनीक के जरिए प्राकृतिक मैटिरयल की मदद से सस्ती ऑक्सीजन और हाईड्रोजन का उत्पादन‌ हो सके इस पर काम किया है. इस तकनीक से कम खर्च आएगा और जरूरतें भी पूरी हो सकेंगी. हाईड्रोजन ऊर्जा जरूरतें पूरी करेगी और अस्पतालों को ऑक्सीजन भी मिल सकेगी. बीरबल साहनी पुरा वनस्पति विज्ञान संस्थान और लखनऊ विश्वविद्यालय के केमिस्ट्री विभाग ने रॉक वार्निश से तैयार इलेक्ट्रोड की मदद से पानी से ऑक्सीजन और हाईड्रोजन अलग करना सस्ता और आसान कर दिया है. इस रिसर्च को सस्टेनेबल एनर्जी एंड फ्यूल रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री लंदन ने अपने यहां प्रकाशित भी किया है. दावा है कि रॉक वार्निश पर दुनिया का यह अब तक का पहला शोध है.

सालों की मेहनत रंग लाई
इस पर काम करने वाले लखनऊ विश्वविद्यालय के शोधार्थी अमृतपाल सिंह चड्ढा ने बताया कि इनकी सालों की मेहनत रंग लाई है. अभी पानी से ऑक्सीजन और हाईड्रोजन अलग करना काफी महंगा है. इसे अलग करने के लिए प्लेटिनम, गोल्ड‌ और निकिल के इलेक्ट्रोड का इस्तेमाल होता है. यह धातुएं काफी महंगी हैं. ताजा रिसर्च लद्दाख की पहाड़ियों पर पाए जाने वाले चमकीले पदार्थ (रॉक वार्निश) पर की गई है. रॉक वार्निश को लैब में टेस्ट किया गया तो पता चला कि इसमें पर्याप्त मात्रा में आयरन और मैग्नीज मौजूद हैं. इसके बाद रॉक वार्निश से इलेक्ट्रोड बनाए गए. इलेक्ट्रोड 10 मिली एंपीयर के करंट पर पानी को तोड़ने में सक्षम पाए गए.

प्रोफेसर बोले- बड़ी उपलब्धि मिली है
रिसर्च संयोजक प्रो. अनुपम शर्मा ने बताया कि दुनिया फॉसिल्स फ्यूल पर काम कर रही है. इसी दिशा में संस्थान के शोधार्थी अमृत पाल सिंह चड्ढा ने करीब तीन वर्ष तक काम किया. लद्दाख की अलग-अलग पहाड़ियों से रॉक वार्निश के नमूने उठाए गए. लैब में चमकीले पदार्थ की जांच हुई तो पता चला कि इसमें पर्याप्त मात्रा में मैग्नीज और आयरन उपलब्ध हैं जो कि ऊर्जा का सोर्स हैं.इसके बाद पूरी प्रक्रिया की गई जिसमें सफलता मिली है. यदि सिंथेटिक मैटिरयल का इस्तेमाल पानी को तोड़ने के लिए किया जाए तो सस्ती हाईड्रो एनर्जी और ऑक्सीजन उपलब्ध हो जाएगी.लखनऊ विश्वविद्यालय केमिस्ट्री विभाग एवं शोध निदेशकप्रो. एनके सिंह ने बताया कि यह अपने तरह की अलग रिसर्च है.करीब तीन वर्ष तक अलग-अलग लैब में काम किया गया. रॉक वार्निश से तैयार इलेक्ट्रोड पानी को तोड़ने में सक्षम पाए गए. यह भविष्य में हमारी जरूरतों को पूरा करने में मदद करेंगे.

Tags: Lucknow news, Uttar pradesh news



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