रिपोर्ट:अंजलि सिंह राजपूत,लखनऊ
लखनऊ के डालीगंज में बने ऐतिहासिक महादेव मनकामेश्वर मंदिर की बागडोर एक महिला महंत के हाथों में है.जी हां इस मंदिर में पीठासीन हैं यूपी की पहली महिला महंत दिव्या गिरी.जिन्होंने 22 साल की उम्र में घर छोड़ कर धर्म का मार्ग चुनते हुए संन्यास ले लिया था.महंत दिव्या गिरी ने बताया कि उन्होंने बीएससी डिप्लोमा ऑफ पैथोलॉजी की पढ़ाई की थी और वह इसी फील्ड में आगे बढ़ने के लिए मुंबई जा रही थीं तभी उनका मन किया मनकामेश्वर मंदिर के दर्शन करने का और जब वह मनकामेश्वर मंदिर के गर्भगृह में पहुंची तो उनको एक अजीब सी शक्ति का एहसास हुआ जिसने उनको वहीं पर रोक रही थी.यही वजह है कि उस दिन के बाद उनका मन मनकामेश्वर मंदिर को छोड़कर कहीं और जाने का नहीं हुआ.तभी से उन्होंने अपने पूरे जीवन को भोलेनाथ की शरण में समर्पित कर दिया और बन गई महंत दिव्या गिरी.
साधु संतों ने किया था विरोध
9 सितंबर 2009 में उनके गुरु के निधन के बाद अखाड़े ने उनको इस मंदिर की गद्दी संभालने के लिए चुना था.तब से वह यहां की महंत हैं. उन्होंने बताया कि शुरुआत में एक महिला को महंत बनाए जाने का लोगों ने बहुत विरोध किया था लेकिन बाद में सब ठीक हो गया.एक महिला महंत होने के नाते उनको बहुत संघर्ष करना पड़ा.महिलाएं उनको देखकर अब गर्व महसूस करती हैं.सबसे ज्यादा उनका विरोध साधु संतों ने ही किया था.
पैतृक संपत्ति में मिले हथियार
उन्होंने बताया कि रिवॉल्वर और दो नाल बंदूक मंदिर की पैतृक संपत्ति है.जो उनको सौंपी गई थी.इतना ही नहीं इनको जैश ए मोहम्मद की ओर से धमकी मिलने के बाद सरकार की ओर से सुरक्षा गार्ड दिए गए थे बाद में सरकार ने उनसे वापस ले लिया.
महादेव का श्रृंगार और खुदआ करती हैंआरती
उन्होंने बताया कि महादेव की आरती और श्रृंगार वह खुद करती हैं.इसके अलावा मंदिर की साफ सफाई की जिम्मेदारी उन्होंने अन्य सेवादारों को दे रखी है.
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FIRST PUBLISHED : May 14, 2022, 13:38 IST