”कोछा भंवर के मटके, जो कभी ना चटके और पानी पियो डटके” यह कहावत झांसी समेत पूरे बुंदेलखंड में प्रसिद्ध है.कोछा भंवर के मटके की खासियत क्या है और वह क्यों इतने प्रसिद्ध हैं यह NEWS 18 LOCAL ने आपको पहले भी बताया था.इसी दौरान यह बात सामने आई थी कि कोछा भंवर के कुम्हारों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था.आधुनिकता के युग में घटते व्यापार और काली मिट्टी उपलब्ध ना होने के कारण कुम्हार परेशान थे.उन्हें मजबूरी में काली मिट्टी की चोरी करनी पड़ती थी.
सभी सरकारी दफ्तरों में रखे जाएंगेकोछा भंवर के मटके
इन सब बातों का संज्ञान लेते हुए झांसी के मंडलायुक्त डॉ अजय शंकर पांडे ने कोछा भंवर के कुम्हारों के हित में कुछ फैसले लिए हैं.मंडलायुक्त ने आदेश दिए हैं कि सभी सरकारी दफ्तरों में कोछा भंवर के मटकों का इस्तेमाल किया जाए.इसके साथ ही उन्होंने व्यापारियों से भी अनुरोध किया है कि वह भी अपनीदुकानों पर कोछा भंवर के मटके रखें.
अब नहीं करनी पड़ेगी मिट्टी की चोरी
इसके साथ ही काली मिट्टी ना मिलने की परेशानी झेल रहे कुम्हारों के हित के लिये कदम उठाए हैं.झांसी के मेडिकल कॉलेज के पास की जमीन से अब यह कुम्हार काली मिट्टी ले सकते हैं.उन्हें अब चोरी करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी.अब कोई भी अधिकारी या पुलिस का सिपाही उन्हें मिट्टी खोदने से रोक नहीं पायेगा.कुम्हारों ने इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि इससे उनके व्यापार को काफी बढ़ावा मिलेगा.
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FIRST PUBLISHED : April 30, 2022, 08:52 IST