अभिषेक जायसवाल
वाराणसी. पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले बनारस हिंदू विश्वविद्यालय यानी बीएचयू के सर सुंदर लाल अस्पताल में जल्द ही नाड़ी से बीमारियों का पता लगाया जाएगा. बीएचयू (BHU) के आयुर्वेद संकाय ने इसके लिए पहल की है जिसके तहत जल्द ही यहां नाड़ी परीक्षण ओपीडी सेवा की शुरुआत होगी. आयुर्वेद विभाग के द्वारा शुरू होने वाले इस ओपीडी में मरीजों की नाड़ी से डॉक्टर उनकी बीमारी का पता लगाकर उनका उपचार करेंगे. भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद ने इसकी मंजूरी दे दी है. सब कुछ ठीक रहा तो बहुत जल्द इसकी शुरुआत हो जाएगी.
बीएचयू आयुर्वेद संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर सुशील कुमार वैद्य ने बताया कि दिसंबर 2019 में नाड़ी परीक्षण के लिए आयुष मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया था. मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद को इसके अध्ययन के लिए भेज दिया था. दो साल के अध्ययन के बाद अब इस प्रस्ताव पर मुहर लगी है.
बता दें कि, भारत की इस प्राचीन पद्धति से न सिर्फ रोगियों को बीमारी का सही पता चलेगा बल्कि उनका उपचार भी ठीक ढंग से हो पाएगा.
महाविद्यालयों में भी दी जाएगी जानकारी
इसके अलावा, इस ओपीडी सेवा की शुरुआत के बाद इस प्राचीन पद्धति को भी बढ़ावा मिलेगा. साथ ही राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालयों के माध्यम से इस प्राचीन पद्धति के बारे में छात्रों को जानकारी दी जाएगी. इसमें उन्हें नाड़ी अभ्यास, दोष वृद्धि क्षय, सार मूल्यांकन, लक्षणों की रिकॉर्डिंग, बॉडी, वजन, ऊंचाई की माप सहित अन्य गतिविधियों के बारे में बताया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : September 19, 2022, 20:39 IST