बुलंदशहर. चिलचिलाती धूप और लगातार बढ़ते तापमान ने जहां लोगों का जीना मुहाल कर दिया है तो वहीं बुलंदशहर में एक ऐसा भी प्राथमिक विद्यालय है जहां जिम्मेदारों की लापरवाही भी नजर आती है. यहां भीषण गर्मी में नौनिहालों को तपती धूप में पेड़ों का सहारा लेकर पढ़ाई करने को मजबूर होना पड़ रहा है.
ना सिर पर छत, न धूप से बचने का कोई पुख़्ता इंतजाम, न गर्मी में बचने का कोई मुनासिब बंदोबस्त और ना ही साफ सफाई का ही कोई बेहतर प्रबंध. पढ़ेगा इंडिया, तो बढ़ेगा इंडिया! सरकार के इस नारे की तरफ बुलंदशहर के स्कूलों की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वह मुंह चिढ़ाती हैं, क्योंकि इतनी मुश्किल झेलकर कैसे तो पढ़ेगा इंडिया और फिर कैसे बढ़ेगा इंडिया? मगर अफसोस है कि एयर कंडीशनर ऑफिस में बैठकर छत से फर्राटे भरने वाले पंखों की मस्त हवा का आनन्द लेने वाले बुलंदशहर के बीएसए अखण्ड प्रताप सिंह को शायद ऐसी तस्वीरें नजर ही न आती हों.
इस भयंकर गर्मी में जब चिकित्सक लोगों को धूप और लू से बचने की सलाह दे रहे हों, तब इस विद्यालय में पढ़ने वाले नौनिहाल धूप से बचने के लिए पेड़ का सहारा लेकर कैसे पढ़ पा रहे होंगे? पहासू नगर के नंबर 1 प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की मानें तो विद्यायल में बने कमरे जर्जर होने के कारण उन्हें तुड़वाया गया था, मगर उसके बाद ना तो स्कूल को किसी दूसरी इमारत में शिफ्ट किया गया और न ही समय पर यहां की कक्षाएं बनाई गईं. नतीजतन विद्यालय के कुछ बच्चे पेड़ की छांव में पढ़ने को मजबूर हैं, जबकि कुछ यहां बनी रसोई में पढ़ाई करते हैं.
विद्यालय के प्रधानाध्यापक गिरीश कुमार शर्मा ने बताया कि इस विद्यालय में 450 बच्चे पढ़ते हैं. विद्यालय के कमरे जर्जर होने के बाद उनकी नीलामी के बाद उन्हें तोड़ दिया गया, मगर फिर आज तक यहां कमरे बन नहीं सके. खैर अब देखने वाली बात यह होगी कि ज़िम्मेदार कब तक कमरों का निर्माण कराने का फैसला लेते हैं. गला सुखा देने वाली इस गर्मी से इन बच्चों को खासी मुसीबत झेलनी पड़ रही है.
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FIRST PUBLISHED : April 30, 2022, 18:03 IST