दुती चंद की प्रेमकहानी प्रेरणा देती हैं
नई दिल्ली. दुती चंद (Dutee Chand) पहली भारतीय एथलीट हैं जिन्होंने अपने समलैंगिक संबंध के बारे में सार्वजनिक तौर पर बयान दिया था. दुती 100 मीटर में रिकॉर्ड बना चुकी हैं और साल 2018 एशियाई खेलों में दो रजत पदक जीतने वाली इस एथलीट के खुलासे ने पूरे खेल जगत में हलचल मचा दी थी. दुती को इस खुलासे के बाद अपने परिवार की नाराजगी और धमकियों का सामना करना पड़ा था. हालांकि वह पीछे नहीं हटी औऱ आज तक अपने पार्टनर के साथ रिश्ते को कायम रखे हुए हैं.
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खेल से अलग हॉर्मोन की वजह से रही थीं चर्चा में. इससे पहले शरीर में अधिक पुरुष हार्मोन (टेस्टोस्टेरोन) होने की वजह से भी वो चर्चा में आ गई थीं. टेस्टोस्टेरोन वो हार्मोन है जो पुरुषोचित गुणों को नियंत्रित करता है. इस वजह से उन्हें जुलाई 2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ खेलों के कुछ दिन पहले ही अयोग्य क़रार दिया गया था. इस स्थिति को हाइपरएंड्रोजेनिज़्म कहते हैं. हालांकि सर्वोच्च खेल अदालत यानी कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ने दुती के पक्ष में फ़ैसला सुनाया जिसके बाद उन्होंने रिओ ओलिंपिक और दूसरी बड़ी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया.
गांव में ही शुरू हुई दोनों की प्रेमकहानी
दुती का जन्म ओडिशा के जाजपुर ज़िले के चक गोपालपुर गांव में हुआ वह वहीं पली-बढ़ी. उनकी पार्टनर भा उसी गांव में रहती थी. दोनों शुरुआत में तो केवल दोस्त थीं लेकिन अब पिछले चार साल से वह उनके साथ एक गंभीर रिश्ते में है. दोनों घरों के बीच पारिवारिक रिश्ता है. इस रिश्ते की शुरुआत दुती की पार्टनर ने की थी जब उन्होंने प्रपोज किया.
गांव वालों को मंजूर नहीं था रिश्ता
दुती कहती हैं कि शुरुआत के समय में यह बात उनके और पार्टनर के बीच ही थी लेकिन समय के साथ वह गांववालों को दोनों के संबंधों के बारे में पता चल गया.गांववालों ने इस संबंध को स्वीकार नहीं किया और अब हालात कुछ ऐसे बन गए हैं कि दुती और उनकी पार्टनर का गांव में रहना मुश्किल हो गया है. दुती के मुताबिक उनकी पार्टनर ने हमेशा उनका साथ दिया है. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘वो मुझे बतौर स्पोर्ट्स स्टार बहुत पसंद करती हैं. मुश्किल समय में उन्होंने मेरा पूरा साथ दिया और हमेशा आत्मविश्वास बढ़ाया है. वो हर टूर्नामेंट से पहले मेरे लिए पूजा करती है और मेरे लिए दुआ मांगती है.’ दुती मानती हैं कि उनकी सफलता में जितना उनके परिवार का हाथ है उतना ही उनकी पार्टनर का भी है.
प्यार के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती हैं दुती
दुती का परिवार उनके इस रिश्ते से शुरुआत में नहीं कबूला, दुती जानती थी कि उनके लिए यह सफर आसान नही होने वाले है पर वह किसी हालात में अपनी पार्टरन को छोड़ने को तैयार नहीं थी. वो कहती हैं प्यार सच्चा और गहरा हो तो कठिनाइयों से लड़ने का हौसला मिल जाता है. दिल एक ही बार दिया जाता है और मैं दे चुकी हूं. अब कोई कितना भी विरोध करे मैं अपने फ़ैसले पर अटल हूं. वो कहती हैं “कई बार एक लड़के और लड़की की शादी को भी समाज स्वीकार नहीं करता है यहां तो बात दो लड़कियों की है. ऐसे में मुश्किल आना तो स्वभाविक है, इससे क्या डरना.”