नोएडा: नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावरों को ध्वस्त करने की तैयारी पूरी हो चुकी है और इसके ब्लास्ट का फाइनल बटन चेतन दत्ता दबाएंगे. 28 अगस्त को नोएडा के सेक्टर 93ए में सुपरटेक ट्विन टावर्स के ध्वस्तीकरण के लिए प्रेस बटन दबाने वाले भारतीय ब्लास्टर चेतन दत्ता का कहना है कि ट्विन टावर का ध्वस्तीकरण एक सरल प्रक्रिया होगी और इसमें किसी तरह की नुकसान की आशंका नहीं है. बता दें कि इन दोनों टावर को गिराने के लिए करीब 3,700 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया जा रहा है.
9 सकेंड में जमींदोज हो जाएगी इमारत
ट्विन टावर को ब्लास्ट करने की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए चेतन दत्ता ने कहा कि यह एक सरल प्रक्रिया है. हम डायनेमो से करंट उत्पन्न करेंगे और फिर बटन दबाएंगे, जो 9 सेकंड के भीतर सभी शॉक ट्यूबों में विस्फोटकों को प्रज्वलित कर देगा और इस तरह से पूरी बिल्डिंग ध्वस्त होकर नीचे गिर जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि हम इमारत से लगभग 50-70 मीटर दूर होंगे. इस ब्लास्ट में कोई खतरा नहीं होगा और हमें पूरा यकीन है कि इमारत सही तरीके से गिर जाएगी. ब्लास्टिंग क्षेत्र लोहे की जाली की चार परतों और कंबल की दो परतों से ढका हुआ है. इसलिए कोई भी मलबा इधर-उधर नहीं उड़ेगा, लेकिन धूल उड़ सकती है. बता दें कि 28 अगस्त को दोपहर 2:30 बजे ट्विन टावर में ब्लास्ट होगा.
मलबा साफ होने में तीन महीने लगेंगे
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कुतुब मीनार से भी ऊंचे सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर 28 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे 9 सेकंड में ध्वस्त होने वाले भारत के सबसे ऊंचे ढांचे बन जाएंगे. कंपन को कम करने के लिए इम्पैक्ट कुशन डिजाइन किए गए हैं. एपेक्स (32 मंजिला) और सेयेन (29 मंजिला) के विध्वंस से लगभग 35,000 क्यूबिक मीटर मलबा निकलेगा, जिसे साफ होने में कम से कम तीन महीने लगेंगे.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 28 अगस्त को ब्लास्ट
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दोनों टावरों को विस्फोटक से गिराने को हरी झंडी दे दी है. इन टावरों को ब्लास्ट करने की पहली तारीख 21 अगस्त थी, लेकिन अदालत ने नोएडा प्राधिकरण के अनुरोध को स्वीकार करते हुए टावरों के विध्वंस की तारीख 28 अगस्त तक बढ़ा दी. इमारत के नियमों के गंभीर उल्लंघन पर ट्विन टावरों को तोड़ा जाना तय है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक के बीच ‘नापाक मिलीभगत’ का परिणाम था और आदेश दिया कि कंपनी नोएडा प्राधिकरण और केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान जैसे विशेषज्ञ निकाय की देखरेख में अपने खर्च पर विध्वंस करेगी.
टावर के ब्लास्ट के दौरान क्या-क्या नहीं होगा
यह आदेश इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 11 अप्रैल, 2014 के फैसले के खिलाफ और घर खरीदारों द्वारा दायर याचिकाओं के एक बैच पर आया था, जिसमें चार महीने के भीतर दो इमारतों को गिराने और अपार्टमेंट खरीदारों को पैसे वापस करने का आदेश दिया गया था. बता दें कि सुपरटेक के अवैध ट्विन टॉवर को 28 अगस्त को जब गिराया जाएगा तो उसके आसपास एक विशेष क्षेत्र में ड्रोन उड़ान की अनुमति नहीं होगी. ब्लास्ट के दौरान आसपास की दो सोसायटियों- एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के सभी निवासियों को बाहर रहना होगा. ट्विन टॉवर के आसपास एक विशेष क्षेत्र चिह्नित किया गया है जहां किसी व्यक्ति, वाहन या मवेशी को विध्वंस प्रक्रिया के दौरान नहीं रहने दिया जाएगा.
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Tags: Noida news, Supertech twin tower
FIRST PUBLISHED : August 26, 2022, 08:23 IST