Budget 2022 There will be an emphasis on increasing infrastructure digital services and jobs – Business News India

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पिछले साल की तरह इस साल भी वित्तमंत्री के सामने बजट के साथ-साथ कोरोना महामारी के चलते हो रहे आर्थिक नुकसान से निपटने की चुनौती साफ नजर आ रही है। पिछले साल कोरोना के मामले बजट के बाद बढ़े थे लेकिन इस बार तो देश में तीसरी लहर के साए में बजट बनाने का काम जारी है। ऐसे में सरकार का फोकस आर्थिक राहत के साथ-साथ नौकरियां बढ़ाने पर रहेगा।

इस बजट से विशेषज्ञों को साफ उम्मीद है कि सरकार

कारोबारियों को नई तरह की राहत देते हुए बजट तैयार करेगी। इसमें न सिर्फ मौजूदा कारोबारियों को सस्ता कच्चा माल मुहैया कराने पर फोकस होगा, बल्कि ऐसे भी इंतजाम किए जाएंगे कि बड़े पैमाने पर नई नौकरियां पैदा हों। आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ योगेंद्र कपूर के मुताबिक, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट में निर्यात बढ़ाने का ऐलान करते हुए तमाम चीजों पर आयात शुल्क घटा सकती हैं। ये आयात शुल्क खास तौर पर उन चीजों के कच्चे माल पर घटाया जाएगा जिनका इस्तेमाल उत्पादन आधारित प्रोत्साहत योजना के तहत बनाए गए उत्पादों में होता है और बाद में उन उत्पादों का दुनियाभर में निर्यात किया जाता है।

मुश्किल वाले क्षेत्रों को ज्यादा राहत

वहीं देश को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के मकसद से नए क्षेत्रों को भी उत्पादन आधारित प्रोत्साहन स्कीम में शामिल किया जा सकता है। केंद्र सरकार कोरोना की शुरुआत से संकट झेल रहे हॉस्पिटैलिटी, होटल, ट्रैवेल और रेस्टोरेंट कारोबारियों के लिए भी खास ऐलान कर सकती है। इन कारोबारियों के लिए सस्ते कर्ज का दायरा बढ़ाया जा सकता है ताकि वो अपना काम काज फिर से शुरू कर पाएं। यही नहीं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए ज्यादा खर्च करने का ऐलान कर सकती है। डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य से जुड़े मदों पर भी खर्च पिछले साल से ज्यादा किया जाने का अनुमान है।

कम आय वर्ग पर टैक्स का बोझ नहीं

विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का फोकस गरीबी और अमीरी के बीच की बढ़ते अंतर को पाटते हुए टैक्स लागू करने की व्यवस्था बनाने पर देखने को मिल सकता है। क्योंकि कोरोना से हो रहे आर्थिक नुकसान से बचने के लिए कुछ नए टैक्स भी हो सकते हैं। हालांकि, ये ध्यान जरूर दिया जाएगा कि उसका असर कम और मध्यम आय वर्ग के लोगों के ऊपर न पड़े। केंद्र सरकार विदेश से आयात किए जाने वाले लग्जरी आइटमों पर टैक्स की दरों को बढ़ा सकती है। साथ ही ऐसी चीजों पर भी अतिरिक्त टैक्स लगा सकती है जिनका भारत में व्यापक उत्पादन हो रहा हो फिर भी विदेश से उनका आयात ज्यादा किया जा रहा है।



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