बहरहाल, जानकारी के मुताबिक, पुलिस बल ने नक्सलियों के सबसे मजबूत गढ़ सुकमा में ऑपरेशन प्रहार चलाया था, जो कि नक्सलियों के सबसे बड़े नेताओं में से एक हिडमा का गढ़ है. जबकि जवानों पर हमला नक्सलियों के संगठन पीपुल्स लिबरेशन ग्रुप आर्मी (PLGA) प्लाटून वन की यूनिट ने किया है, जिसका नेतृत्व हिडमा ही करता है.
जाल में फंसे जवान, चारों तरफ से हुआ हमला बता दें कि तर्रेम क्षेत्र के सिलगेर के जंगल में जोनागुड़ा के पास सीआरपीएफ की कोबरा, बस्तर बटालियन, डीआरजी और एसटीएफ के जवान पिछले दो दिनों से ऑपरेशन प्रहार के तहत निकले हुए थे. इस बीच, शनिवार यानी 3 अप्रैल को सुबह फोर्स को सूचना मिली कि जोनागुड़ा के पास नक्सलियों का जमावड़ा है. यह सूचना फोर्स के पास आई तो जोनागुड़ा का ऑपरेशन अधिकारियों ने प्लान किया. जानकारों के मुताबिक, जोनागुड़ा का यह इलाका न सिर्फ झीरम हमले के मास्टरमाइंड हिड़मा का क्षेत्र है बल्कि गोरिल्ला वार जोन के अंतर्गत आता है. इसमें गोरिल्ला वार यानी छिपकर हमले की रणनीति कारगर साबित होती है. वैसे तो यहां कभी भी एक साथ इतनी फोर्स नहीं जाती, लेकिन इस बार इलाके में नक्सलियों के जमावड़े की सूचना पर बीजापुर के तर्रेम से 760, उसूर से 200, पामेड़ से 195, सुकमा के मिनपा से 483 और नरसापुरम से 420 जवान रवाना किए गए थे. इस मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने चार तरीके से सुरक्षा बलों पर हमला किया. पहला बुलेट से, दूसरा नुकीले हथियारों से, तीसरा अपने हाथों से बनाए हुए गोले बारूद से और चौथा लात व घूंसों से. यही नहीं, पीपुल्स लिबरेशन ग्रुप आर्मी प्लाटून वन की यूनिट का करीब 400 नक्सलियों ग्रुप जवानों पर एक साथ टूट पड़ा था.

मुठभेड़ नक्सलियों के सबसे मजबूत गढ़ में हुई, जो कि गोरिल्ला वार जोन माना जाता है.
घायल जवानों ने कही यह बात
घायल जवान बलराज ने न्यूज़ 18 से कहा कि जब हम शनिवार की सुबह टारगेट को हिट करके लौट रहे थे, तो इस दौरान हमने एक टेकरी पर एलआपी ले ली, तभी हमें सूचना मिली कि माओवादी हमें ट्रैक कर रहे हैं और वह बहुत बड़ी पार्टी है. इसके बाद हमले एक जगह पोजीशन ले ली और ऑलराउंड डिफेंस लगाकर बैठ गए. इसके कुछ देर बाद माओवादी ने हमला बोल दिया. वह आधुनिक हथियार के साथ-साथ अपने हाथों से बनाए हुए गोले बारूद से हमला कर रहे थे. जवान बलराज ने बताया कि वह हम पर जमकर हमला बोल रहे थे और हम उन्हें खदेड़ने के लिए पूरी ताकत लगा रहे थे. यही नहीं, प्लेन क्षेत्र में हमने उन्हें कई किलोमीटर तक पीछे धकेल दिया था. इस दौरान हमें भी नुकसान हुआ, लेकिन उनको भी भारी नुकसान हुआ है. वहीं, एक अन्य जवान देव प्रकाश ने बताया कि इस घटना के दौरान हम चारों तरफ से घिर चुके थे और वह गोलीबारी के साथ गोले दाग रहे थे. इसके बाद हम एक तरफ फायरिंग करते हुए आगे बढ़े, लेकिन इस दौरान वह हमारा पीछा कर रहे थे.
इस घटना के बाद देश गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार शांति और प्रगति के ऐसे दुश्मन नक्सलियों के साथ हमारी लड़ाई ताकत के साथ जारी रहेगी और हम इसे मुकाम तक पहुंचाएंगे.