इन दिनों छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली के दौरे पर हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) ने छत्तीसगढ़ की नक्सलवाद की समस्या समेत कई मामलों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) से मुलाकात की है.
- News18Hindi
- Last Updated:
November 20, 2020, 12:44 AM IST
बहरहाल, इन दिनों छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली के दौरे पर हैं. सोमवार को उन्होंने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा से मिलकर उन्हें दिवाली की शुभकामनाएं दी. जबकि मंगलवार को वह अमित शाह से मिलने के अलावा केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से भी मुलाकात करेंगे.
केंद्रीय गृहमंत्री से मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ में चल रही नक्सलवाद की समस्या, लोगों को रोज़गार देने और विकास पर चर्चा हुई: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल pic.twitter.com/cV9bh8bvkU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 17, 2020
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्र में लिखी थी ये बात
बघेल ने पत्र में लिखा कि बस्तर में नक्सलवाद की समस्या से निपटने के लिए यह आवश्यक है कि वर्तमान में जारी रणनीति के साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसरों का सृजन किया जाए, ताकि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बेरोजगार लोग विवश होकर नक्सली समूहों में शामिल न हों.बघेल ने कहा कि बस्तर में लौह अयस्क प्रचुरता से उपलब्ध हैं. इसके साथ उन्होंने कहा कि यदि बस्तर में स्थापित होने वाले इस्पात संयंत्रों को 30 प्रतिशत छूट पर लौह अयस्क उपलब्ध कराया जाए, तो वहां सैकड़ों करोड़ रूपए का निवेश होगा तथा हजारों की संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर निर्मित होंगे. कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण बड़े भाग में अभी तक ग्रिड की बिजली नहीं पहुंच पाई है और सौर ऊर्जा संयंत्रों की बड़ी संख्या में स्थापना से ही आमजन की ऊर्जा आवश्यकता की पूर्ति तथा उनका आर्थिक विकास संभव है.
मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि वनांचलों में लघु वनोपज, वन औषधियां तथा अनेक प्रकार की उद्यानिकी फसलें होती हैं, लेकिन उनके प्रसंस्करण एवं विक्रय की व्यवस्था न होने के कारण लोगों को इनका समुचित लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है. इन क्षेत्रों में प्रसंस्करण इकाइयों और शीतगृह श्रृंखला (कोल्ड चेन) के लिए उदारतापूर्वक अनुदान दिए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार इन्द्रावती नदी पर प्रस्तावित बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना के क्रियान्वयन से सिंचाई तथा ऊर्जा क्षमता के विकास से बस्तर अंचल के बड़े भाग का कायाकल्प हो जाएगा और इस परियोजना की स्थापना के लिए भी केंद्र सरकार से सहायता अपेक्षित है.
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा कि इस समय राज्य के आकांक्षी जिलों को केंद्र सरकार की ओर से अलग से कोई आर्थिक अनुदान नहीं दिया जा रहा। राज्य के बस्तर अंचल के सातों जिले आकांक्षी जिलों के रूप में चिह्नित हैं और उचित यह होगा कि लोगों की आजीविका के साधनों के विकास के लिए जिलाधिकारियों को कम से कम 50-50 करोड़ रूपए की राशि प्रतिवर्ष दी जाए. बघेल ने लिखा कि उन्होंने नक्सल समस्या के समाधान की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों के संबंध में इस वर्ष तीन सितम्बर को पत्र लिखकर कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर शाह का ध्यान आकर्षित कराया था. उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि आपने संज्ञान लेकर छत्तीसगढ़ के लिए वर्ष 2018 में आवंटित की गई सात अतिरिक्त सीआरपीएफ बटालियन में से पांच बटालियन बस्तर क्षेत्र में तत्काल तैनात किए जाने का निर्देश दिया. ’
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि विगत वर्षों में भारत सरकार ने नक्सल प्रभावित राज्यों को सुरक्षा बल मुहैया कराने, उनके आधुनिकीकरण, बुनियादी ढांचा निर्माण तथा संचार साधनों के विकास के लिए उदारतापूर्वक सहायता उपलब्ध कराई है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. उन्होंने लिखा कि यदि इन सुझावों का क्रियान्वयन किया जाए, तो आगामी कुछ ही वर्षों में बस्तर अंचल से नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने में सहायता मिलेगी.
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