कोरोना का असर गहलोत सरकार की कमाई पर पड़ा है. (File)
अप्रैल से सितंबर 2020 के बीच सरकार का राजस्व घाटा (Revenue Loss) 27 हजार 958.60 करोड रूपए रहा है जो पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा है, राज्य सरकार की ओर से लगाए जाने वाले करों से होने वाली आय में अप्रैल से सितम्बर के बीच 13.56 प्रतिशत की कमी आई है.
करों से होने वाली आय में आई कमी
अप्रैल से सितंबर 2020 के बीच सरकार का राजस्व घाटा 27 हजार 958.60 करोड रूपए रहा है जो पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा है, राज्य सरकार की ओर से लगाए जाने वाले करों से होने वाली आय में अप्रैल से सितम्बर के बीच 13.56 प्रतिशत की कमी आई है. जबकि गैर कर योग्य आय में पिछले वर्ष के मुकाबले 34 प्रतिशत की कमी आई है. पिछल वित्तीय वर्ष अप्रैल से सितंबर के बीच 44815 करेाड की आय हुई थी, जो इस बार घट कर 39 हजार 497 करोड रह गई. राज्य के जीएसटी में 25 प्रतिशत, भू राजस्व में 57 प्रतिशत और वाहनों से होने वाली आय में 38.91 प्रतिशत और लक्जरी व मनोरंजन कर से होने वाली आय में 63 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई. अप्रैल से सितम्बर के बीच बजट अनुमान का 44 प्रतिशत खर्च किया जा चुका है.
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पिछले वित्तीय वर्ष में पेट्रोलियम से 1788 करोड की आय हुई थी, जो इस साल घट कर 738 करोड़ रह गई और इसमें 58.72 प्रतिशत की कमी आई. आबकारी का घाटा सबसे कम रहा. सरकार को पेट्रोलियम, खनन, भू राजस्व आदि सभी से होने वाली कर योग्य आय में घाटा हुआ है, लेकिन आबकारी या शराब से
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