नई दिल्ली. दिल्ली में कोरोना के मामलों में आ रही कमी को देखते हुए अब कारोबारी कोविड प्रतिबंधों में ढील की मांग कर रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि कोविड प्रतिबंधों के कारण दिल्ली और देशभर में व्यापार का 70 फीसदी नुकसान हुआ है. ऐसे में कल यानि गुरुवार को होने वाली दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक को लेकर व्यापारियों ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर कोरोना प्रतिबंधों को कम करने की मांग की है.
व्यापारियों का कहना है कि दिल्ली में कोविड के मामलों में तेजी से हो रही कमी को देखते हुए अब दिल्ली के कोविड प्रतिबंधों में जरूरी ढील दी जाए जिससे दिल्ली में व्यापार और आर्थिक गतिविधियां सुचारू रूप से शुरू हो सकें. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की ओर से कहा गया कि दिल्ली और देश भर के विभिन्न राज्यों में अनेक प्रकार के कोविड प्रतिबंधों के चलते व्यापार में पिछले 25 दिनों में लगभग 70 फीसदी की कमी हुई है जो बेहद चिंताजनक है. इन प्रतिबंधों के चलते एक राज्य से दूसरे राज्य में खरीदारी करने वाले लोगों की संख्या लगभग न के बराबर हो गई है और इसका विपरीत प्रभाव सभी व्यापारों पर पड़ा है.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने एलजी को भेजे पत्र में सुझाव दिया है कि दिल्ली में जिस व्यक्ति ने टीकाकरण नहीं कराया है उसको घर से बाहर निकलने की अनुमति ही नहीं दी जाए. ऑड-ईवन व्यवस्था और साप्ताहांत लॉक डाउन को अब खत्म कर दिया जाए. वहीं दिल्ली के बाजारों के कार्य समय को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक किया जा सकता है. दिल्ली में प्रत्येक थाना स्तर पर उस थाने के क्षेत्र के अंतर्गत कार्य कर रहीं सभी व्यापारिक एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों और थाना पुलिसअधिकरियों की एक संयुक्त समिति गठित की जाए जो थाना क्षेत्र के सभी बाज़ारों में अनिवार्य रूप से कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन तय करे. दिल्ली में शादियों की जरूरतों को महसूस करते हुए 20 लोगों की जगह कम से कम 100 व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति और भोजन की व्यवस्था वाले होटल और रेस्टोरेंट में क्षमता से 50 फीसदी लोगों के साथ खोलने की अनुमति दी जाए. गैर-टीकाकृत किसी भी व्यक्ति को शादी, होटल और रेस्टोरेंट में जाने की अनुमति न दी जाए.
जानें किस किस कारोबार को कितना हुआ नुकसान
खंडेलवाल ने बताया दिल्ली में व्यापार के नुकसान के 70 प्रतिशत के हुए अनुमान में मौटे तौर पर एफएमसीजी में 60 फीसदी, इलेक्ट्रॉनिक्स में 65, मोबाइल में 70, दैनिक उपभोग की वस्तुओं में 60, ड्राई फ्रूट में 65, थोक किराना में 60, फुटवियर में 70, ज्वैलरी में 55, खिलौनों में 70, गिफ्ट आइटम्स में 80, बिल्डर हार्डवेयर में 70, सैनेटरीवेयर में 75, परिधान में 70, कपड़े में 70, कॉस्मेटिक्स में 60, फर्नीचर में 75, फर्निशिंग फैब्रिक्स में 70, इलेक्ट्रिकल सामान में 70, सूटकेस एवं लगेज में 75, खाद्यान्न में 40, रसोई उपकरणों में 65, घड़ियों में 70, कंप्यूटर एवं कंप्यूटर के सामान में 65, कागज एवं स्टेशनरी में 70, मिल स्टोर और मशीनरी में 70, शादी एवं समारोह कार्ड में 80, सर्जिकल आइटम में 65, रबर एवं प्लास्टिक में 70, पाइप एवं पाइप फिटिंग में 75, ऑटो पार्ट्स में 70, पुराने चार पहिया वाहनों की बिक्री में 70, लकड़ी एवं प्लाईवुड में 70 फीसदी की गिरावट का अनुमान है.
दिल्ली क्योंकि देश का सबसे बड़ा व्यापारिक वितरण केंद्र है, इस दृष्टि से दिल्ली में इतने बड़े पैमाने पर व्यापार में गिरावट का असर देश के अन्य राज्यों के व्यापार में भी स्वाभाविक रूप से पड़ता है. इसको देखते हुए जहाँ कोविड से सुरक्षा जरूरी है वहीं अब व्यापार और आर्थिक गतिविधियों का भी चलना आवश्यक है.
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