रिपोर्ट: सर्वेश श्रीवास्तव
अयोध्या: देशभर में गणेश उत्सव की धूम है और हर कोई अपने घर बप्पा मोरया को विराजमान करने की तैयारियों में जुटा हुआ है. इसके लिए ज्योतिषाचार्यों और पंचाग की मदद से शुभ-अशुभ मुहूर्त की गणना कर रहा है. दरअसल मान्यता है कि कोई भी शुभ कार्य करने से पहले भगवान गणेश की ही आराधना करनी चाहिए और होती भी है. लेकिन क्या आपको पता है विघ्नहर्ता मंगल करता पार्वती नंदन भगवान गणेश का दो विवाह हुआ था. भगवान गणेश का विवाह कैसे हुआ? और क्यों कहा जाता है रिद्धि और सिद्धि को भगवान गणेश का अर्धांगिनी?
आखिर गणेश जी ने क्यों किया दो विवाह?
ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि भगवान गणेश ने संकल्प लिया था कि वह ब्रह्मचारी रहेंगे. एक बार वह तपस्या में बैठे थे तो दूसरी तरफ से तुलसी जी निकलीं. गणेश जी की तपस्या को देखकर तुलसी जी प्रसन्न होने के साथ साथ मोहित भी हो गईं. उन्होंने गणेश जी के सामने अपने विवाह का प्रस्ताव रखा. तब भगवान गणेश ने कहा मेरा संकल्प है कि मैं ब्रह्मचारी रहूंगा. इससे तुलसी जी को क्रोध आ गया और तुलसी जी ने भगवान गणेश को श्राप दे दिया कि तुम्हारा एक नहीं दो-दो विवाह होगा.
कैसे हुई थी रिद्धि और सिद्धि की उत्पत्ति?
ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि तुलसी जी के श्राप के कारण जब भी देवी-देवताओं के यहां कोई मांगलिक कार्यक्रम होता था, तब भगवान गणेश उस कार्यक्रम में बाधा उत्पन्न कर देते थे. जिससे परेशान होकर देवता गण भगवान ब्रह्मा जी के पास गए और अपनी परेशानी बताई. देवताओं की समस्या का समाधान करने के लिए ब्रह्मा जी ने अपनी शक्ति से दो कन्याओं को जन्म दिया. एक का नाम रिद्धि और दूसरे का सिद्धि रखा. दोनों कन्याओं को लेकर ब्रह्मा जी भगवान गणेश के पास पहुंचे और कहा कि आप मेरी दोनों पुत्रियों को शिक्षा दीजिए. ऐसे में जब भगवान गणेश रिद्धि और सिद्धि को शिक्षा देने में उलझ गए तो उधर देवताओं के सभी मांगलिक कार्य आसानी से संपन्न होने लगे.
ब्रह्मा जी ने कराया था बप्पा का विवाह
ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि जब गणेश जी को पता लगा कि रिद्धि और सिद्धि के कारण देवताओं के मांगलिक कार्य संपन्न हो रहे हैं, तो वह क्रोधित हो गए. दोनों को श्राप देने जा रहे थे तभी ब्रह्मा जी प्रकट हो गए और भगवान गणेश जी को सारी बात बताई और कहा कि रिद्धि और सिद्धि का अवतार ही आपको श्राप से मुक्ति दिलाने के लिए हुआ है. ऐसे में आप दोनों से विवाह कर लीजिए. जिसके बाद ब्रह्मा जी का आशीर्वाद लेकर भगवान गणेश जी ने रिद्धि और सिद्धि से विवाह किया. इस प्रकार भगवान गणेश जी की दो पत्नियां होने का विवरण मिलता है
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FIRST PUBLISHED : August 31, 2022, 08:00 IST