झांसी. गणेश चतुर्थी का पावन पर्व शुरू हो चुका है. बाल गंगाधर तिलक द्वारा शुरू की गई सार्वजनिक गणेश उत्सव की परंपरा आज भी बदस्तूर जारी है. झांसी में भी बप्पा घर-घर विराज चुके हैं. लंबे समय से मराठा शासकों के यहां राज करने की वजह से झांसी में बड़ी संख्या में मराठी समाज के लोग रहते हैं. शहर में कई जगहों पर गणपति बप्पा को स्थापित किया जाता है. पिछले कई सालों से यह परंपरा यहां चली आ रही है. हालांकि कोरोना काल में 2 साल तक सार्वजनिक गणेश उत्सव के आयोजन पर रोक लगी थी. इस बार यह रोक हटा दी गई है और शहरवासियों ने पूरे उत्साह के साथ बप्पा को जगह जगह स्थापित किया है.