नई दिल्ली. ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) के मामले में गूगल (Google) और एपल (Apple) जैसी दिग्गज कंपनियों की बादशाहत जल्द खत्म होने वाली है. भारत सरकार (Indian Government) इन कंपनियों का वर्चस्व खत्म करने के लिए जोरशोर से तैयारी में जुटी है. इसके बाद भारतीय मोबाइल फोन यूजर्स (Mobile Phone Users) इन कंपनियों के बनाए ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल नहीं करेंगे.
दरअसल, सरकार घरेलू ऑपरेटिंग सिस्टम (Indigenous Operating System) बनाना चाहती है. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (Minister of State for Electronics and Information Technology) राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) का कहना है कि सरकार उद्योग के लिए गूगल के एंड्रॉयड और एपल के आईओएस के विकल्प के रूप में एक स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम बनाना चाहती है. इसके लिए एक अनुकूल परिवेश बनाने की नीति लाने की योजना बना रही है.
ये भी पढ़ें- 1 फरवरी को सुबह 11 नहीं शाम 4 बजे पेश होगा बजट! जानें क्या है इस खबर की सच्चाई?
जल्द नीति बनाने पर विचार
चंद्रशेखर ने कहा कि फिलहाल मोबाइल फोन पर दो ऑपरेटिंग सिस्टम का दबदबा है. पहला, गूगल का एंड्रॉयड (Google Android). दूसरा, एपल का आईओएस (Apple IOS). ये दोनों कंपनियां हार्डवेयर परिवेश को भी परिचालित कर रही हैं. उन्होंने कहा कि कोई तीसरा ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं है. इसलिए कई मायनों में एक नया हैंडसेट ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारत सरकार के स्तर पर काफी दिलचस्पी है. हम लोगों से बात कर एक नीति बनाने पर विचार कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें- PMC बैंक का यूनिटी स्मॉल फाइनेंस में हुआ मर्जर, जानें ग्राहकों के पैसे का क्या होगा
जानें कितना जरूरी है ऑपरेटिंग सिस्टम
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार एक स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम के विकास के लिए स्टार्टअप और अकादमिक परिवेश के भीतर क्षमताओं की तलाश कर रही है. ऑपरेटिंग सिस्टम किसी भी कंप्यूटर और मोबाइल उपकरण के परिचालन का मुख्य सॉफ्टवेयर है. यह प्रभावी परिचालन के लिए पूरे हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सिस्टम में शामिल होता है.
ये भी पढ़ें- IPO आने से पहले LIC ने जारी किए छमाही नतीजे, कई हजार फीसदी बढ़ा शुद्ध मुनाफा
देश का इलेक्ट्रॉनिक निर्यात बढ़ाने की तैयारी
चंद्रशेखर ने संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ उद्योग निकाय आईसीईए (इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन) की ओर से तैयार इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पर दृष्टिकोण पत्र का दूसरा खंड जारी किया. इसमें देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को 75 अरब डॉलर के मौजूदा स्तर से 2026 तक बढ़ाकर 300 अरब डॉलर तक पहुंचाने की रूपरेखा है. चंद्रशेखर ने कहा कि यह रिपोर्ट बहुत सटीक है, जो बताती है कि 300 अरब डॉलर कहां से आएंगे. उद्योग और सरकार को क्या करना है. फिलहाल देश का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात करीब 15 अरब डॉलर का है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |