रिपोर्ट-अभिषेक जायसवाल,वाराणसी
वाराणसी (Varanasi) के काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी का मुद्दा चर्चा में है.वाराणसी सिविल कोर्ट के आदेश पर शनिवार को कोर्ट कमिश्नर की देखरेख में ज्ञानवापी (Gyanvapi) के तहखाने के एक-एक कोने की वीडियोग्राफी हुई.ज्ञानवापी के इस मुद्दे के बीच अब काशी (Kashi) के विद्वानों और हिन्दू पक्षकारों ने 1991 के वर्शिप एक्ट अधिनियम को समाप्त करने की मांग उठाई है.विद्वानों का कहना है कि मोदी सरकार अब सच को छुपाने वाले इस कानून को खत्म कर देना चाहिए.काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के पूर्व अध्यक्ष और मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूजा कराने वाले आचार्य अशोक द्विवेदी ने मांग उठाई कि जब सरकार ने सैकड़ों फालतू के कानून को समाप्त कर दिया है,तो सरकार को सच को छुपाने वाले कानून को भी समाप्त करना चाहिए.इसके साथ ही जो प्रबुद्ध मुस्लिम बंधु हैं उन्हें सामने आना चाहिए और मंदिर पर बनी इस मस्जिद को हिंदुओ को सौंप देना चाहिए.
हिन्दू पक्षकार ने कही ये बात
वहीं इस मामले में 1991 से मुकदमा लड़ रहे हिन्दू पक्षकार हरिहर पांडेय ने बताया कि मुस्लिम पक्ष के पास ज्ञानवापी को लेकर कोई सबूत नहीं है कि वो मस्जिद है, लेकिन वो मंदिर है इसके प्रमाण आज भी वहां के दीवारों पर देखने को मिलते हैं.मंदिर मस्जिद की इस लड़ाई में कोर्ट में भी 1991 का वर्शिप एक्ट के ही सहारा लेकर मुस्लिम पक्ष इस मामले से बचता है.ऐसे में मोदी सरकार से हमारी मांग है कि सरकार इस कानून को समाप्त करें जिससे जल्द से जल्द इस मंदिर मस्जिद का विवाद खत्म हो सके.
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FIRST PUBLISHED : May 16, 2022, 11:37 IST