रांची14 घंटे पहले
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रांची के मोरहाबादी मैदान में झंडे को सलामी देते राज्यपाल रमेश बैस व DGP नीरज सिन्हा।
73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने रांची के मोरहाबादी मैदान में तो CM हेमंत सोरेन ने दुमका के पुलिस लाइन में झंडोत्तोलन किया। इस दौरान उन्होंने परेड का भी निरीक्षण किया। कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले 2 वर्षों में कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। आदिवासी, दलित, पिछड़े और किसानों के लिए कई काम किए जा रहे हैं।
झारखंड सरकार का प्रयास है कि किस तरह झारखंड को एक गरीब राज्य की श्रेणी से निकालकर विकसित राज्य की सूची में खड़ा किया जाए। राजपाल ने कहा कि सरकार ने बिरसा ग्रामीण योजना और बिरसा कृषि पाठशाला का लॉन्च की जिसका किसानों को इसका फायदा भी हो रहा है।
परेड की सलामी लेते CM हेमंत सोरेन।
पलायन रोकने के लिए निजी संस्थानों में स्थानीय के लिए आरक्षण
राज्यपाल ने कहा कि राज्य के निजी संस्थानों में स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 75% आरक्षण का प्रावधान किया गया है। ताकि अधिक से अधिक स्थानीय उम्मीदवारों का रोजगार मिल सके। यह पलायन दूर करने में एक मील का पत्थर साबित होगा। सरकार रोजगार देने के लिए एचसीएल के साथ एमओयू की है। राजपाल ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए निवेश आरडी उद्योग नीति तैयार की है।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विभागों की तरफ से झांकी निकाली गई।
महिलाओं को हड़िया-दारू से मुक्ति के किए जा रहे प्रयास
सरकार ने महिलाओं को हड़िया दारू से मुक्त करके फूलो झानो योजना के तहत रोजगार उपलब्ध करा रही है। ताकि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जा सके और पलायन को रोका जा सके। राजकीय महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कुटीर उद्योग और गिरी उद्योग से जोड़ा जा रहा है। झारखंड में पलाश मार्ट के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं के द्वारा उत्पादित वस्तुओं को बेचा जा रहा है और एक राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मार्केट दिया जा रहा है।
CM को पेंटिंग्स भेंट करते दुमका के DC
गरीबों को वस्त्र मुहैया कराया जा रहा है
राज्यपाल ने कहा कि विषम परिस्थिति में जीवन यापन कर रहे बच्चों के लिए भी सरकार योजनाएं लाई है। सरकार लगातार प्रयत्नशील है कि उन्हें विभागीय योजनाओं से जोड़ने का काम किया जा रहा है। कहा कि हमारी सरकार की ओर से सोना सोबरन धोती-साड़ी योजना के तहत लोगों को वस्त्र मुहैया कराया जा रहा है।