पलामूएक घंटा पहले
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बस स्टैंड में खड़े वाहन।
नक्सली नेता किशन दा उर्फ प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के विरोध में नक्सलियों की ओर से गुरुवार को घोषित झारखंड-बिहार बंद का झारखंड के कई जिलों में असर देखा जा रहा है। कई जगहों पर बस और ट्रक के पहिये थम गए हैं। नक्सल प्रभावित इलाकों वाले बाजारों में सन्नाटा है। बंद को देखते हुए राज्य में सुरक्षा हाई अलर्ट पर है। रांची पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जिलों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। आम लोगों की सुरक्षा,सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा और आवागमन को सुरक्षित बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
झारखंड के अलग-अलग जिलों में पुलिस व CRPF की संयुक्त टीमें नक्सल प्रभावित इलाकों में सर्च अभियान चला रही हैं। टीमों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वह विशेष रूप से सतर्क रहें। नक्सली सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए जगह-जगह विस्फोटक लगा सकते हैं। लिहाजा सर्च ऑपरेशन के दौरान पूरी जांच पड़ताल के बाद ही आगे जाने के निर्देश दिए गए हैं। पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, लोहरदगा, लातेहार जिलों में सर्च ऑपरेशन संचालित किए जा रहे हैं। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा बलों के मूवमेंट को पूरी तरह गोपनीय बनाए रखने के लिए कहा गया है।
पलामू में नहीं हो रहा बसों का संचालन, स्टैंड पर सन्नाटा
पलामू में बसों का संचालन नहीं हो रहा है। बस स्टैंड पर सन्नाटा पसरा हुआ है। मेदिनीनगर से रांची,पांकी,हजारीबाग, महुआडांड़ इलाके में जाने वाली बसों का परिचालन पूरी तरह बंद है। पश्चिमी सिंहभूम के सोनुआ, गोइलकेरा इलाकों में बंद का व्यापक असर दिखाई दे रहा है। गुमला के भी कुछ इलाकों में बंद का असर देखा जा रहा है।
कहते हैं पुलिस के आला अधिकारी
नक्सलियों की ओर से गत 21 जनवरी से 26 जनवरी तक घोषित प्रतिरोध सप्ताह तथा 27 जनवरी को घोषित बंद को देखते हुए पुलिस को अलर्ट किया गया है। इस संबंध में सभी जिलों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
अमोल वेणुकांत होमकर,IG OPS, झारखंड पुलिस