मेरठ:-ऑपरेशन का नाम सुनते ही मरीजों के मन में भय उत्पन्न हो जाता है.काफी मात्रा में ऐसे मरीज भी हैं जो ऑपरेशन के डर की वजह से बीमारी का इलाज भी नहीं कराते.इसमें भी अगर हम दिल heart के मरीजों patients की बात करें तो वह काफी डरते हैं. लेकिन अब शुरुआती दौर में अगर दिल से संबंधित बीमारी का ट्रीटमेंट करा लिया जाए तो उसके लिए सर्जरी की आवश्यकता नहीं पड़ती.जी हां पश्चिम उत्तर प्रदेश West Uttar-pradesh के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज Medical college में बने सुपरस्पेशियलिटीडिपार्टमेंट ( super specialty block )में अब बिना सर्जरी के दिल से संबंधित बीमारियों का ट्रीटमेंट किया जा रहा है.
देश का हर 100 वां बच्चा दिल की बीमारी से ग्रस्त
मेदांता हॉस्पिटल में लंबे समय तक पेडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में कार्य कर चुकी और वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में कार्य कर रहीं डॉक्टर मुनीष तोमर का कहना है कि देश का हर 100 वां बच्चा जो जन्म लेता है,वह दिल की बीमारी से ग्रस्त होता है.ऐसे में अगर समय रहते जागरूकता के साथ अगर दिल की बीमारी का इलाज करा लिया जाए तो अब बिना सर्जरी के भी यह ट्रीटमेंट पूरा हो सकता है.दिल की बीमारी का पता लगाने के लिए पहले विभिन्न प्रकार के टेस्ट किए जाते हैं.उन टेस्ट के माध्यम से तीन भागों में से डिवाइड किया जाता है.अत्यंत आवश्यकता होने पर ही सर्जरी की जाती है.अन्यथा हाईटेक मशीनों का उपयोग करते हुए नसों को ठीक किया जाता है.जो कि निम्न दरों में ही है.बताते चलें कि मेडिकल कॉलेज मेंनिजी अस्पतालों के मुकाबले काफी कम दरों में बेहतर ट्रीटमेंट किया जा रहा है.इतना ही नहीं आयुष्मान कार्ड हो या भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना के अंतर्गत भी मेडिकल कॉलेज में नि:शुल्क ट्रीटमेंट किया जाता है.
रिपोर्ट:-विशाल भटनागर मेरठ
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