नई दिल्ली. भारत और मध्य एशिया के बीच आज पहला शिखर सम्मेलन (India Central Asia Summit) होने जा रहा है. वर्चुअल सम्मेलन (Virtual Summit) का मुख्य केंद्र व्यापार व कनेक्टिविटी, विकास से जुड़ी साझेदारी और भारत व मध्य एशिया के लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुरुवार को वर्चुअल प्रारूप में प्रथम भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे. इस दौरान संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और उभरती क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर चर्चा किए जाने की उम्मीद है. वर्चुअल सम्मेलन में पीएम मोदी पांच देशों के राष्ट्रपतियों से चर्चा करेंगे. इन पांच देशों में कजाखस्तान के काजयम जोमार्त तोकायेव, उज्बेकिस्तान के शावकत मिजियोयेव, ताजिकिस्तान के इमोमाली रहमान, तुर्कमेनिस्तान के जी बर्डीमुहामेदोव और किर्गिज गणराज्य के सदयर जापारोव शामिल हैं.
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच नेताओं के स्तर पर अपनी तरह का पहला सम्मेलन होगा. यह सम्मेलन भारत और मध्य एशियाई देशों के नेताओं द्वारा एक व्यापक और टिकाऊ भारत-मध्य एशिया साझेदारी को महत्व देने का प्रतीक है. यह सम्मेलन गणतंत्र दिवस समारोह के एक दिन बाद हो रहा है. पांच मध्य एशियाई देशों के नेताओं के मुख्य अतिथि होने की संभावना थी, लेकिन देश में कोविड-19 के मामले बढ़ने के चलते गणतंत्र दिवस समारोहों को बगैर मुख्य अतिथि के मनाया गया.
विदेश मंत्रालय ने हाल में एक बयान में कहा था कि प्रथम भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन मध्य एशियाई देशों के साथ भारत के बढ़ते जुड़ाव का प्रतिबिंब है, जो भारत के विस्तारित पड़ोस का हिस्सा हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में इन सभी मध्य एशियाई देशों की ऐतिहासिक यात्रा की थी.
बैठक में रूस और यूक्रेन में ताजा तनाव का मसला भी उठ सकता है. यूक्रेन का मसला पांचों मध्य एशियाई देशो के सुरक्षा से जुड़ा मसला है जबकि भारत के भी रूस से नजदीकी संबंध हैं. इसके अलावा अफगानिस्तान और कोरोना जैसे मसलों के अलावा सभी पांच देशों से द्विपक्षीय सम्बधों से जुड़े तमाम मसलों पर चर्चा होगी.
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