दुमका16 घंटे पहलेलेखक: दुष्यंत कुमार
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका में फहराया झंडा।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को झारखंड की उप राजधानी दुमका में तिरंगा झंडा फहराया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों और युवाओं के लिए बड़ी घोषणाएं कीं। मुख्यमंत्री ने CM सपोर्ट पेट्रोल सब्सिडी योजना की शुरुआत करते हुए दुमका के 5 लाभुकों को सांकेतिक तौर पर सब्सिडी राशि को टोकन प्रदान किया। इन लाभुकों में संतोष मुर्मू, विपिन किस्कू, राजेश मिस्त्री, राजेश्वर हेंब्रम एवं मार्टिन मुर्मू शामिल रहे। इस योजना के तहत अब तक पूरे राज्य में 7298 आवेदन को स्वीकृति दी गई है। योजना की शुरुआत के साथ आज पूरे राज्य में 58 हजार लाभुकों के खाते में सब्सिडी की राशि 250 रुपये जमा हो जाएगी। प्रत्येक लाभुक को प्रतिमाह 10 लीटर पेट्रोल पर 25 रुपये की दर से सब्सिडी मिलेगी।
नियुक्ति नियमावली के बारे में बताया
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्षों से लंबित रहे रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया को गति प्रदान करने के लिए विभिन्न नियुक्ति नियमावलियों एवं परीक्षा संचालन नियमावलियों के गठन/संशोधन की कार्रवाई की गई है। राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरी में अधिक-से-अधिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से विभिन्न नियुक्तियों और परीक्षा संचालन नियमावली के अन्तर्गत अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता के रूप में अभ्यर्थियों का मैट्रिक/10वीं कक्षा तथा इंटरमीडिएट/10+2 कक्षा की परीक्षा राज्य में स्थित मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से उत्तीर्ण होना अनिवार्य किया गया है। अभ्यर्थियों को स्थानीय रीति-रिवाज, भाषा एवं परिवेश का ज्ञान होना भी अनिवार्य किया गया है।
कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंच लोग
स्थानीय युवाओं को सरकारी नौकरियों में मिलेगा फायदा
राज्य की आरक्षण नीति से आच्छादित अभ्यर्थियों के मामले में इस प्रावधान को शिथिल किया गया है ताकि राज्य के आरक्षण नीति से आच्छादित होने वाले छात्रों का सरकार के अधीन नियोजन में दावा सुरक्षित रह सके। सेवा शर्त नियमावलियों के गठन एवं संशोधन के उपरांत अब तक 4,142 रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु अधियाचना झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग को भेज दी गई है।युवाओं को प्रशिक्षण देकर निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने HCL कंपनी के साथ MoU किया है। इसके तहत 12वीं पास छात्र एवं छात्राओं को IT सेक्टर में रोजगार देने के Pas Placement Linked Training Programme TECHBEE से जोड़ा जाएगा। TECHBEE HCL में योग्य छात्र/छात्राओं का चयन कर उन्हें एक वर्ष की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के बाद प्रशिक्षित युवाओं को HCL में ही नौकरी मिल सकेगी।
लोगों का अभिवादन स्वीकार करते मुख्यमंत्री
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को किया याद
इससे पहले अपने कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने परेड की सलामी ली। अपने संबोधन की शुरुआत में उन्होंने कहा कि प्राकृतिक सौंदर्य एवं खनिज सम्पदा से सुशोभित, वीर सपूतों के संघर्ष एवं बलिदान से सिंचित संथाल परगना की इस सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं ऐतिहासिक भूमि से समस्त झारखंडवासियों को 73वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई देता हूं। अभिनंदन करता हूं। इस दौरान उन्होंने देश को आजादी दिलाने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर , मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरदार बल्लभ भाई पटेल सहित झारखंड की सभी महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद किया।
निरीक्षण करते मुख्यमंत्री
सरकार के कामकाज को लेकर दी जानकारी
हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार ने अल्प समय में ही राज्य के कई क्षेत्रों में विकास के लिए गंभीर एवं सार्थक प्रयास किए हैं। सरकार द्वारा राज्य में बेरोजगारी दूर करने, आर्थिक सबलता प्रदान करने, प्रशासन एवं विकास की प्रक्रिया में आमजनों की सहभागिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है। जनता के सहयोग से स्वच्छ, पारदर्शी एवं संवेदनशील प्रशासन प्रदान करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
कार्यक्रम में मौजूद जनता
शिक्षा को सरकार की प्राथमिकता बताया
उन्होंने कहा कि शिक्षा विकास का आधार है।मानव विकास एवं समाज में वैज्ञानिक सोच विकसित करने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सरकार शिक्षा के प्रति सजग एवं संवेदनशील हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा जारी किए गए शैक्षणिक सूचकांक में विगत एक वर्ष में राज्य को 29 अंको का फायदा हुआ है यह पूरे देश में सर्वाधिक है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि संथाल परगना प्रमण्डल में 20 उत्कृष्ट विद्यालयों के निर्माण हेतु लगभग 72 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इन विद्यालयों में सभी आवश्यक मूलभूत संरचनाओं के विकास के साथ-साथ पर्याप्त शिक्षकों की व्यवस्था भी की जाएगी।विगत 2 वर्षों से कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण सरकार को विद्यालयों को बंद रखने के लिए बाध्य होना पड़ा है। महामारी में कमी होने की स्थिति में कक्षा 06 से 12 के विद्यालय खोले गये थे लेकिन महामारी बढ़ने के कारण विद्यालयों को फिर बन्द करना पड़ा है। महामारी की इस घड़ी में भी हमने अपने विद्यार्थियों के लिए ऑन-लाइन शिक्षा की व्यवस्था डीजी-साथ कार्यक्रम के तहत की है। इसके अतिरिक्त दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के माध्यम से भी पठन-पाठन का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। लेकिन इससे काम नहीं चलेगा हमें ऑन-लाइन शिक्षा को बेहतर करना होगा।
परेड का निरीक्षण करते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
स्थानीय भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने पर जोर
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों की भाषाओं को ध्यान में रखते हुए मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षण व्यवस्था हेतु सामग्रियों को विकसित किया गया है। हमने विभिन्न जिलों के 250 विद्यालयों को विशेष रूप से चिह्नित करते हुए प्रायोगिक तौर पर मातृभाषा आधारित शिक्षण व्यवस्था लागू करने की योजना तैयार की है। इस योजना के परिणाम का अध्ययन करने के बाद अन्य विद्यालयों में भी इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा। इसका सीधा लाभ हमारे राज्य के उन बच्चों को मिलेगा, जो मातृभाषा में पढ़ाई नहीं होने के कारण विद्यालय जाना छोड़ देते थे।
ध्वजारोहण करते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
मजदूरों के लिए सरकार की योजनाओं की दी जानकारी
संथाल परगना से मजदूरों का पलायन होता है। इन मजदूरों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। Covid Lockdown के दौरान इन पर जो बीती वह पूरा देश जानता है। हम सब जानते हैं कि पलायन को पूर्णत: समाप्त नहीं किया जा सकता है। हम इनकी बेहतरी के लिए कुछ करना चाहते हैं। झारखंड के प्रवासी श्रमिकों के सुरक्षित प्रवास एवं प्रवासन हेतु “Safe and Responsible Migration Initiative” कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है। यह कार्यक्रम पायलट-प्रोजेक्ट के रूप में दुमका, गुमला एवं पश्चिमी सिंहभूम में चलाया जाएगा। इसके माध्यम से अगले 18 माह के अन्दर झारखंड से मजदूरों के प्रवास से जुड़ी सभी समस्याओं का अध्ययन करके एक ‘समग्र प्रवासन नीति’ तैयार की जाएगी।
जिससे भविष्य में प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं का निदान करने में सुविधा होगी।असंगठित श्रमिकों का निबंधन कराने हेतु ई-श्रम पोर्टल Launch किया गया है। इस पोर्टल पर झारखंड राज्य के कुल 80 लाख से अधिक श्रमिकों का निबंधन किया जा चुका है। इसके तहत निर्माण कार्य करने वाले श्रमिक, घरेलू मजदूर, कृषि श्रमिक, रेहड़ी-पटरी वाले एवं अन्य सभी असंगठित क्षेत्र के मजदूर सम्मिलित हो सकेंगे।