Lucknow: अन्नपूर्णा सेवा ने पितृपक्ष को लेकर शुरू की अनोखी परंपरा, पितरों की शांति के साथ गरीबों को मुफ्त भोजन 

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रिपोर्ट: अंजलि सिंह राजपूत

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पितृपक्ष के मौके पर अन्नपूर्णा सेवा की एक अनोखी परंपरा शुरू की गई है. इसमें एक साथ कई परिवार अपने पितरों की शांति के लिए उनकी फोटो रखकर पूजा करते हैं. इसके बाद मिलजुल कर अपने पूर्वजों के मनपसंद व्यंजनों को श्राद्ध भोज के रूप में गरीबों और निर्धनों को सेवा भाव से खिलाते हैं. खास बात यह है कि इस श्राद्ध भोज में किसी की जाति नहीं देखी जाती है. सभी जातियों के लोगों को एक साथ बिठा कर उन्हें श्राद्ध भोज कराया जाता है.

यह आयोजन पक्का पुल स्थित श्री अहिमर्दन पातालपुरी लेटे हनुमान मंदिर में किया जा रहा है. जो लोग वाराणसी और बिहार के गया जाकर पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म नहीं कर पा रहे हैं वो मात्र 2,100 रूपए देकर लखनऊ में ही गोमती तट के किनारे बने इस मंदिर में श्राद्ध भोज करा रहे हैं. साथ ही पिंडदान, तर्पण व श्राद्ध कर्म पूरे रीति-रिवाज और विधि विधान से करा रहे हैं.

परिवार बोले ऐसी परंपरा कहीं नहीं देखी

सआदतगंज थाना के इंस्पेक्टर सिद्धार्थ मिश्रा भी यहां पर अपने पूर्वजों का श्राद्ध करने के लिए पहुंचे हैं. उन्होंने न्यूज़ 18 लोकल से बातचीत में कहा कि लखनऊ शहर में जो यह परंपरा शुरू हुई है वो लोगों के लिए बहुत अच्छी है क्योंकि अब हर कोई गया या वाराणसी नहीं जा पाता है. ऐसे में घर के पास में ही अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूरे रीति-रिवाज से यहां पर सब कुछ किया जा सकता है.

लायंस क्लब के डायरेक्टर दीपक भाटिया और सेक्रेटरी आर.के सिन्हा समेत उनके सभी सदस्य मौजूद रहे. उन्होंने भी इस श्राद्ध कार्यक्रम में हिस्सा लिया. अन्य परिवारों ने भी इस परंपरा की तारीफ की.

वहीं, पातालपुरी हनुमान जी सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. विवेक तांगड़ी ने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है. इसके आधार पर यह परंपरा बनाई गई है. इस सेवा के द्वारा जहां गरीब और निर्धन लोगों को भोजन मिल सकेगा वहीं, लोगों को भी अपने घर के पास पूरे रीति-रिवाज से श्राद्ध करने का अवसर मिलेगा.

Tags: Lucknow news, Pitru Paksha, Up news in hindi



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