Mathura: जानिए किसके खून से बनी हैं आजादी के महानायकों की तस्वीरें, अब बेटी ने चुकाया कर्ज

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रिपोर्ट- चंदन सैनी

मथुरा. वृंदावन के वात्सल्य ग्राम स्थित बने शहीद संग्रहालय में आजादी के महानायकों की वीरगाथा के किस्से आज भी आपको देखने और सुनने को मिल जाएंग. यह देश का पहला ऐसा संग्रहालय है जो आजादी के मतवालों की यादों को सजोए हुए है. संग्रहालय में लगी तस्वीर किसी आम कलर से नहीं बनी हैं बल्कि महापुरुषों की तस्वीरों को जीवंत रूप देने के लिए इंसानी खून से सजाया और संवारा गया है.

दरअसल दिल्ली के रहने वाले स्वर्गीय रवि चंद गुप्ता, सुभाष चंद्र बोस के अनुयाई थे. आजादी के लिए बोस जी के नारा ‘तुम मुझे खून दो-मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ से इस कदर प्रभावित हो गए थे कि कहने लगे की महापुरुषों की कुर्बानी के बाद हमें आजादी तो मिल गई, लेकिन हमने शहीदों को क्या दिया. बस इसी सोच को लेकर उन्होंने अपने खून से शहीद संग्रहालय में आजादी के 80 महानायकों की तस्वीरों को गुरुदर्शन सिंह विंकल चित्रकार द्वारा बनवा दिया था. यह सभी पेंटिंग्स 1760 से 1947 तक के क्रांतिकारियों की हैं. स्वर्गीय रवि चंद गुप्ता के कदमों पर अब उनकी बेटी सारिका भी चल रही हैं.

खून देकर चुकाया आजादी का कर्ज
NEWS 18 LOCAL से बात करते हुए सारिका ने बताया कि जब मैं संग्रहालय पहुंची तो मैंने देखा पिताजी के द्वारा तैयार कराई गई पेंटिंग का कलर फीका हो रहा है. ऐसे में मैं अपना खून देकर इन पेंटिंग्स को जीवंत कर रही हूं. यह मेरा सौभाग्य है कि मैं एक ऐसे पिता की बेटी हूं, जिन्होंने देश के महानायकों की पेंटिंग्स अपने खून से बनवाई. सारिका आगे कहती हैं कि मुझे गर्व है कि मेरे पिता का नाम मुझे मिला हुआ है. इन पेंटिंग्स को फिर से जीवंत करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है.

पेंटिंग बनाने वाले चित्रकार ने बताया
चित्रकार गुरुदर्शन सिंह विंकल से जब बात की तो उन्होंने बताया कि मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि मेरे गुरुजी के खून से इन पेंटिंग्स को बनाने का मौका मिला था. आज दूसरी बार मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ है. उन्हीं पेंटिंग्स को दोबारा जीवंत करने का.

संग्रहालय के बारे में मीडिया प्रभारी ने बताया
वात्सल्य ग्राम के मीडिया प्रभारी उमाशंकर राही ने जानकारी देते हुए बताया कि वृंदावन स्थित वात्सल्य ग्राम का संग्रहालय देश के वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय भानु प्रताप शुक्ल की स्मृति में बनाया गया है, जो कि पूज्य दीदी मां साध्वी ऋतंभरा द्वारा बनाया हुआ है. इस संग्रहालय में जो रक्त से बने चित्र हैं वह दिल्ली के रवि चंद्र गुप्ता के रक्त से बने हुए हैं, जिन्हें 2010 में यहां स्थापित किया गया था.

Tags: Mathura news



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