अभिषेक राय
मऊ/लखनऊ. जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) को लेकर बड़ी खबर सामने आयी है. दरअसल उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति मिल गई है. अब्बास अंसारी पर शस्त्र लाइसेंस (Arms Licence) को लेकर हलफनामे में झूठी जानकारी देने का आरोप लगा था और इस वजह से उनके चुनाव लड़ने पर संशय था. इस मामले पर बाहुबली मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता दरोगा सिंह का कहना है कि अब्बास का पर्चा 4 सेटों में दाखिल किया गया था, जिसमें से दो सेट का पर्चा कुछ कारणों से खारिज हो गया है, लेकिन आखरी दिन भरे गए पर्चे पर उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति मिल गई है.
बता दें कि बाहुबली मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी को ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने मऊ सदर विधानसभा से अपना कैंडिडेट बनाया है. इस बार राजभर का सपा के साथ गठबंधन है. जबकि पिछली बार वह भाजपा के साथ मैदान में थे.
जानें क्यों था अब्बास अंसारी के पर्चे पर संशय?
पर्चा दाखिल करने के साथ ही अब्बास अंसारी ने हलफनामा भी दाखिल किया था. इसमें उन्होंने लाइसेंसी असलहे को लेकर भी जानकारी दी है. अब्बास अंसारी ने नई दिल्ली से शस्त्र लाइसेंस लिया था. उन्होंने अपने हलफनामे में कहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनका आर्म्स लाइसेंस निरस्त कर दिया है. तथ्य यह है कि अब्बास अंसारी का शस्त्र लाइसेंस दिल्ली पुलिस ने निरस्त किया था. इसके अलावा अब्बास पर लखनऊ के महानगर थाने में एफआईआर दर्ज है. STF इस मामले की जांच कर रहा है.
अशोक सिंह बनाम अब्बास अंसारी होगी टक्कर
बहरहाल मऊ जिले की सदर विधानसभा का चुनाव दिन पर दिन रोचक होता जा रहा है. एक तरफ भारतीय जनता पार्टी ने बाहुबली मुख्तार अंसारी के चिर-प्रतिद्वंदी अशोक सिंह को मैदान में उतारा है, तो अंसारी पैंतरा बदलते हुए अपनी अगली पीढ़ी को चुनाव लड़ा रहे हैं. वहीं, अंसारी के अधिवक्ता दरोगा सिंह ने कहा कि अब्बास अंसारी का पर्चा 4 सेटों में दाखिल किया गया था, जिसमें से दो खारिज हो गए हैं, लेकिन आखरी दिन भरे गए पर्चे पर उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति मिल गई है. वह अपने विरोधियों के सामने विधायक मुख्तार अंसारी की तरफ से चुनाव लड़ेंगे. इसके अलावा मुख्तार अंसारी के पर्चा दाखिल करने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि एमपी एमएलए कोर्ट ने विधायक को चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी थी, लेकिन विधायक की यह ख्वाहिश है कि वह अपने सामने अपने बेटे को विधायक बनता हुआ देखना चाहते हैं.
पिछली बार अब्बास अंसारी को मिली थी हार
गौरतलब है कि बाहुबली मुख्तार अंसारी ने 1996 से मऊ सदर विधानसभा से पहली बार चुनाव जीता था. इसके बाद वह यहां से लगातार पांच बार विधायक बने हैं. वहीं, जेल में बंद अंसारी ने इस बार अपनी विरासत अगली पीढ़ी में स्थानांतरित करने के लिए बड़े बेटे अब्बास अंसारी को चुनाव में उतार दिया है. वैसे अब्बास अंसारी ने इससे पहले बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर वर्ष 2017 में घोसी से विधानसभा का चुनाव लड़ा था. तब उन्हें भाजपा के फागू चौहान से हार का सामनाा करना पड़ा था. अब्बास अंसारी निशानेबाजी के शौकीन हैं. चुनावी हलफनामे में दी गई जानकारी के अनुसार, उनके पास अलग-अलग किस्म के असलहे के अलावा करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति है.
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